रेटिंग एजेंसी ‘क्रिसिल’ ने अनुमान जताया है कि भारत की अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 6.8 फीसदी रह जाएगी, जो कि मौजूदा वित्त वर्ष में 7.6 फीसदी है। एजेंसी ने कहा कि ऊंची ब्याज दरों और राजकोषीय दबाव के कारण मांग घटने से वृद्धि में गिरावट आएगी। हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि आर्थिक विकास दर में गिरावट रहने के बावजूद भारत तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
क्रिसिल ने कहा कि सरकार के खर्च की प्रकृति से निवेश चक्र और ग्रामीण आय को कुछ मदद मिलेगी। एजेंसी ने कहा कि महंगाई में कमी आ रही है और बेहतर कृषि उत्पादन, खाद्य महंगाई पर नियंत्रण और तेल व कमोडिटी की कीमतों में नरमी से वित्त वर्ष 2025 में भी यह गिरावट जारी रहेगी।
एजेंसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीश मेहता ने कहा कि अगले सात वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डॉलर (पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) के आंकड़े को पार करेगी और 7,000 अरब डॉलर (सात ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) के करीब पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुमानित 6.7 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर 7,000 अरब डॉलर पर बंद होगी।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2031 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और उच्च मध्यम आय वाला देश होगा। जिससे घरेलू खपत में मदद मिलेगी। वहीं, जोशी ने कहा कि इस दशक के अंत तक देश की प्रति व्यक्ति आय 4,500 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगी।
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