युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, बिहार मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई, 2025 को कई कल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी दी, जिसमें इंटर्नशिप सहायता के लिए मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना, वरिष्ठ कलाकारों के लिए मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना और सीतामढ़ी में प्रतिष्ठित पुनौरा धाम मंदिर के लिए 882 करोड़ रुपये की विकास योजना शामिल है। ये योजनाएं विधानसभा चुनावों से पहले रोजगार, संस्कृति और पर्यटन को संबोधित करने के सरकार के प्रयासों को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने 1 जुलाई 2025 को 24 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंज़ूरी दी, जिनका फोकस युवा कल्याण, सांस्कृतिक समर्थन, और धार्मिक पर्यटन के विकास पर है। यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उद्देश्य:
युवाओं को इंटर्नशिप के दौरान मासिक वित्तीय सहायता देना ताकि वे व्यावसायिक अनुभव प्राप्त कर सकें।
पात्रता:
आयु: 18–28 वर्ष
योग्यता: 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा, स्नातक या परास्नातक
कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता
लाभ:
| श्रेणी | मासिक सहायता |
|---|---|
| 12वीं पास | ₹4,000 |
| ITI / डिप्लोमा धारक | ₹5,000 |
| स्नातक / परास्नातक | ₹6,000 |
| अन्य ज़िले में इंटर्नशिप | अतिरिक्त ₹2,000 |
| बिहार से बाहर इंटर्नशिप | ₹5,000/महीना (अधिकतम 3 माह) |
निगरानी: विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स, जिसमें CII व FICCI जैसे उद्योग संगठन होंगे
लक्ष्य:
2025–26 में 5,000 लाभार्थी
2026–2031 तक 1 लाख युवाओं को लाभ
उद्देश्य:
शास्त्रीय, दृश्य या प्रदर्शनकारी कलाओं में लगे वरिष्ठ कलाकारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर बिहार की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना।
पात्रता:
कम से कम 10 वर्षों का कलात्मक अनुभव
आयु: 50 वर्ष या उससे अधिक
वार्षिक आय: ₹1.2 लाख से कम
लाभ:
₹3,000 प्रति माह की पेंशन
2025–26 के लिए ₹1 करोड़ का बजट
स्थान:
सीतामढ़ी जिला – मां सीता के जन्मस्थान के रूप में श्रद्धेय पुनौरा धाम
परियोजना की दृष्टि:
अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा
वित्तीय आवंटन:
| उद्देश्य | राशि |
|---|---|
| मंदिर और परिसर का जीर्णोद्धार | ₹137 करोड़ |
| पर्यटन अधोसंरचना विकास | ₹728 करोड़ |
| 10 वर्षों का रख-रखाव | ₹16 करोड़ |
नोडल एजेंसी:
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC)
संशोधन बिंदु:
अब गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छोड़कर, अन्य महिलाएँ खतरनाक फैक्ट्री यूनिट्स में कार्य कर सकेंगी
उद्देश्य: महिलाओं की औद्योगिक भागीदारी को बढ़ावा देना
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