CISF स्थापना दिवस 2025: इतिहास, महत्व और उत्सव

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) स्थापना दिवस हर साल 10 मार्च को मनाया जाता है, ताकि भारत में महत्वपूर्ण सरकारी और निजी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में CISF के योगदान को सम्मानित किया जा सके। वर्ष 2025 में, भारत 56वां CISF स्थापना दिवस मना रहा है, जिसकी भव्य समारोह तमिलनाडु के ठक्कोलम में आयोजित हुई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन और CISF महानिदेशक श्री राजविंदर सिंह भट्टी उपस्थित रहे।

CISF स्थापना दिवस का इतिहास

  • CISF की स्थापना 10 मार्च 1969 को CISF अधिनियम, 1968 के तहत की गई थी।
  • प्रारंभ में इसमें केवल 3 बटालियन थीं और लगभग 2,800 कर्मी शामिल थे।
  • समय के साथ यह बल काफी विस्तारित हुआ और वर्तमान में लगभग 1,88,000 कर्मियों की मजबूत उपस्थिति है।

CISF स्थापना दिवस का महत्व

  • CISF हवाई अड्डों, मेट्रो नेटवर्क, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्रों, बंदरगाहों और पेट्रोलियम, कोयला, इस्पात जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह सरकारी इमारतों, ऐतिहासिक स्मारकों और प्रमुख सार्वजनिक आयोजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  • यह दिन उन CISF कर्मियों के समर्पण, वीरता और बलिदान को सम्मानित करता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में योगदान देते हैं।

CISF स्थापना दिवस समारोह के मुख्य आयोजन

  • परेड और औपचारिक कार्यक्रम – विशेष परेड, ध्वजारोहण और सैन्य अभ्यास का आयोजन।
  • पुरस्कार समारोह – बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा के लिए CISF कर्मियों को सम्मानित किया जाता है।
  • प्रशिक्षण और कौशल विकास – विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम – संगीत, नृत्य प्रदर्शन और प्रेरणादायक भाषण होते हैं।
  • सामुदायिक सेवा पहल – रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जांच शिविर और सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

अनुशासन और सुरक्षा पर प्रसिद्ध उद्धरण

  1. “अनुशासन सेना की आत्मा है। यह छोटी संख्या को भी अजेय बनाता है और कमजोर को सफलता दिलाता है।” – जॉर्ज वॉशिंगटन
  2. “जीत अक्सर उस सेना को मिलती है जिसके पास बेहतर प्रशिक्षित अधिकारी और सैनिक होते हैं।” – सुं त्ज़ु
  3. “सेना हमारे देश की सच्ची महानता का प्रतीक है।” – नेपोलियन बोनापार्ट
  4. “केवल एक सशस्त्र राष्ट्र ही स्थायी सेना के बिना रह सकता है। इसलिए हमारी सेना को हमेशा सशस्त्र और अनुशासित रखना महत्वपूर्ण है।” – थॉमस जेफरसन

 

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vikash

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