चीन के दुर्लभ मृदा निर्यात पर प्रतिबंध से भारत की इलेक्ट्रिक वाहन महत्वाकांक्षाओं को खतरा

भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी चुनौती सामने आई है, क्योंकि चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) पर निर्यात नियंत्रण और कड़ा कर दिया है। ये दुर्लभ तत्व EV मोटरों और अन्य हाई-टेक घटकों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। चीन पर निर्भरता के कारण भारत की आपूर्ति श्रृंखला में गंभीर असुरक्षा उत्पन्न हो गई है।

क्यों चर्चा में?

2025 की शुरुआत में चीन ने REEs पर नए निर्यात प्रतिबंध लगाए, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है। भारत का EV क्षेत्र, जो इन तत्वों के लिए चीन पर बहुत हद तक निर्भर है, अब आपूर्ति में बाधा, लागत वृद्धि और अनुसंधान में देरी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इससे आत्मनिर्भर भारत’ मिशन पर भी दबाव बढ़ा है।

पृष्ठभूमि 

  • रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) में कुल 17 धातुएँ शामिल हैं, जैसे:

    • नियोडिमियम, डाइसप्रोसियम, समारियम, गैडोलिनियम

  • इनका उपयोग EV मोटर्स, विंड टरबाइनों, स्मार्टफोन्स, रक्षा उपकरणों आदि में होता है।

  • ये धातुएँ दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन इनका आर्थिक रूप से किफायती शोधन सीमित है —

    • चीन वैश्विक आपूर्ति का लगभग 85–95% प्रोसेस करता है।

चीन का रेयर अर्थ पर एकाधिकार 

  • 1990 के दशक से चीन ने REEs को रणनीतिक खनिज घोषित कर रखा है।

  • खनन, शोधन और वैश्विक मूल्य निर्धारण पर नियंत्रण बनाए रखा है।

  • 2025 में लगाए गए नए प्रतिबंधों में टेर्बियम, ल्यूटेटियम, और स्कैंडियम जैसी 7 प्रमुख धातुएँ शामिल हैं।

भारत की स्थिति 

  • भारत के पास 6.9 मिलियन टन REEs का भंडार है,
    लेकिन बड़े स्तर पर शोधन करने की क्षमता नहीं है

  • 2024 में भारत ने $7 अरब से अधिक के REEs और EV बैटरियाँ चीन से आयात कीं।

  • इस कारण उत्पादन में देरी, लागत में वृद्धि, और EV उद्योग में अनुसंधान ठप होने की आशंका है।

उद्योग की प्रतिक्रिया 

  • उद्योग संघों ने भारी उद्योग मंत्रालय और विदेश मंत्रालय (MEA) से संपर्क किया है।

  • प्रस्तावित समाधान: हर निर्यातक-आयातक जोड़ी के लिए 6 महीने की समग्र स्वीकृति (ब्लैंकेट अप्रूवल), ताकि शिपमेंट में देरी हो।

वैश्विक संदर्भ 

  • अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU) और जापान भी ऐसी ही चीन पर निर्भरता का सामना कर चुके हैं।

  • जापान की रणनीति (2010 के बाद):

    • विविधीकरण (Diversification)

    • रीसाइकलिंग (Recycling)

    • भंडारण (Stockpiling)

  • जापान ने चीन पर निर्भरता को 2010 में 90% से घटाकर 2023 में 60% कर दिया।

भारत की नीति पहलें 

  • आर्थिक सर्वेक्षण 2024–25 ने REEs को एक गंभीर कमजोरी के रूप में चिह्नित किया।

  • सरकार ने एक क्रिटिकल मिनरल्स लिस्ट” जारी की, जिसमें लिथियम और रेयर अर्थ को प्राथमिकता दी गई।

  • KABIL (खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड) का गठन हुआ ताकि वैश्विक स्तर पर खनिज संसाधनों की सुरक्षा की जा सके।

घरेलू क्षमता और रीसाइकलिंग 

  • भारत की IREL ने 2023 में केवल 10,000 टन REEs का शोधन किया,
    जबकि चीन ने 2 लाख टन से अधिक

  • भारत को अर्बन माइनिंग और ई-वेस्ट रीसाइकलिंग पर जोर देने की सलाह दी गई है।

  • ई-वेस्ट क्षेत्र के औपचारिकीकरण से REEs की निकासी में मदद मिल सकती है और आयात पर निर्भरता घटेगी।

आगे की राह 

  • खनन, शोधन, और रीसाइकलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेजी से निवेश किया जाए।

  • PPP मॉडल (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) को बढ़ावा दिया जाए,
    और जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से तकनीकी साझेदारी की जाए।

  • एक रणनीतिक भंडार (Strategic Stockpile) बनाया जाए और लचीली आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जाए।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

7 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

8 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

9 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

10 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

10 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

12 hours ago