दक्षिण चीन सागर में गहरे पानी का ‘अंतरिक्ष स्टेशन’

चीन ने आधिकारिक रूप से दक्षिण चीन सागर में एक गहरे समुद्री अनुसंधान केंद्र के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसे “डीप-सी स्पेस स्टेशन” कहा जा रहा है। यह केंद्र समुद्र की सतह से 2,000 मीटर (6,560 फीट) की गहराई में स्थित होगा और समुद्री अन्वेषण को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र में चीन की भू-राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करेगा। यह स्टेशन 2030 तक संचालित होने की उम्मीद है और इसमें छह वैज्ञानिक एक महीने तक के मिशन पर रह सकेंगे, जिससे चरम समुद्री परिस्थितियों में रीयल-टाइम प्रयोग किए जा सकेंगे।

डीप-सी रिसर्च स्टेशन की प्रमुख विशेषताएं

1. परियोजना का अवलोकन

  • चीन ने दक्षिण चीन सागर में एक गहरे समुद्री अनुसंधान केंद्र के निर्माण को मंजूरी दी।
  • यह दुनिया के सबसे गहरे और उन्नत पानी के भीतर अनुसंधान केंद्रों में से एक होगा।
  • इसे 2030 तक चालू करने की योजना है।
  • स्टेशन में छह वैज्ञानिक एक महीने तक रहकर अनुसंधान कर सकेंगे।

2. उद्देश्य और अनुसंधान क्षेत्र

  • यह स्टेशन मुख्य रूप से कोल्ड सीप इकोसिस्टम (मेथेन समृद्ध हाइड्रोथर्मल वेंट) का अध्ययन करेगा।
  • अनुसंधान में मेथेन प्रवाह, पारिस्थितिक बदलाव और टेक्टोनिक गतिविधि की निगरानी शामिल होगी।
  • यह गहरे समुद्री जैव विविधता और अत्यधिक दबाव में जीवित रहने वाले विशेष जीवों का अध्ययन करेगा।
  • शोध से ऊर्जा, जलवायु विज्ञान और चिकित्सा में नई खोजों की संभावना है।

3. तकनीकी और रणनीतिक महत्व

  • स्टेशन में दीर्घकालिक जीवन समर्थन प्रणाली होगी ताकि वैज्ञानिक गहरे समुद्र में रह सकें।
  • यह मानव रहित पनडुब्बियों, सतही जहाजों और समुद्री तल वेधशालाओं के साथ मिलकर “चार-आयामी निगरानी नेटवर्क” बनाएगा।
  • यह परियोजना चीन की समुद्री बुनियादी ढांचा रणनीति का हिस्सा है, जिसमें समुद्री तल फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क और गहरे समुद्री ड्रिलिंग जहाज मेंग्शियांग शामिल हैं।
  • यह स्टेशन चीन को समुद्री अनुसंधान में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

4. भू-राजनीतिक और आर्थिक महत्व

  • दक्षिण चीन सागर में लगभग 70 अरब टन मेथेन हाइड्रेट्स का भंडार है, जो एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है।
  • इस क्षेत्र में कोबाल्ट और निकल जैसे दुर्लभ खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो भूमि आधारित खदानों से तीन गुना अधिक सघनता में हैं।
  • यहां 600 से अधिक अनूठी समुद्री प्रजातियां पाई गई हैं, जिनमें से कुछ कैंसर के इलाज में सहायक एंजाइम उत्पन्न कर सकती हैं।
  • यह स्टेशन चीन के समुद्री क्षेत्रीय दावों को मजबूत कर सकता है, जैसे रूस ने आर्कटिक में किया था।

5. गहरे समुद्री अन्वेषण में मानव बनाम AI

  • वैज्ञानिक ऑन-साइट प्रयोग करेंगे, जिन्हें एआई या रोबोटिक सिस्टम वर्तमान में संचालित नहीं कर सकते।
  • स्वायत्त वाहन अचानक मेथेन विस्फोटों या दैनिक दबाव समायोजन की आवश्यकता वाले प्रयोगों को सटीक रूप से नहीं संभाल सकते।
  • एआई प्रगति के बावजूद, निर्णय लेने और समस्या हल करने में मानव की भूमिका अभी भी महत्वपूर्ण बनी रहेगी।

6. ऊर्जा स्रोत और ऐतिहासिक उदाहरण

  • स्टेशन के ऊर्जा स्रोत को गोपनीय रखा गया है, लेकिन संभावना है कि यह परमाणु ऊर्जा से संचालित होगा।
  • अमेरिका की NR-1 पनडुब्बी (2008 में रिटायर) और रूस की AS-12 लोशारिक (2019 में आग से क्षतिग्रस्त) गहरे समुद्री अभियानों में सक्षम थीं, लेकिन चीन के इस प्रस्तावित स्टेशन की तुलना में उनकी पहुंच सीमित थी।
सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? चीन दक्षिण चीन सागर में पहली गहरे समुद्री ‘स्पेस स्टेशन’ बनाने जा रहा है
परियोजना का नाम दक्षिण चीन सागर में डीप-सी ‘स्पेस स्टेशन’
मंजूरी की तिथि फरवरी 2025
गहराई 2,000 मीटर (6,560 फीट)
संचालन वर्ष 2030 तक
क्षमता 6 वैज्ञानिक, एक बार में एक माह तक रह सकेंगे
अनुसंधान क्षेत्र कोल्ड सीप इकोसिस्टम, मेथेन प्रवाह, जैव विविधता, टेक्टोनिक गतिविधि
तकनीकी विशेषताएं दीर्घकालिक जीवन समर्थन प्रणाली, एआई-समेकित निगरानी, समुद्री तल फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क
आर्थिक संभावनाएं 70 अरब टन मेथेन हाइड्रेट्स, समृद्ध खनिज भंडार
भू-राजनीतिक प्रभाव दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों को मजबूत करेगा
मानव बनाम एआई गहरे समुद्री अनुसंधान और त्वरित निर्णय लेने में मानव भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी
संभावित ऊर्जा स्रोत परमाणु ऊर्जा से संचालित होने की संभावना, जैसे अमेरिका और रूस के पूर्व डीप-सी स्टेशन
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

4 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

6 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

6 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

7 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

8 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

10 hours ago