म्यूनिख स्थित इफो इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, चीन वर्ष 2020 में जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया के सबसे बड़े कर्रेंट अकाउंट सरप्लस यानि चालू खतों में सबसे अधिक बचत वाला देश बन गया है. साल 2020 में चीन के चालू खातों का सरप्लस दोगुना से भी अधिक बढ़कर $ 310 बिलियन हो गया है, जबकि जर्मनी के चालू खातों का सरप्लस साल 2020 में लगातार पांचवीं बार कम होकर $ 261 बिलियन रह गया है. यह डेटा विश्व व्यापार में एक बड़े टेक्टोनिक बदलाव को दर्शाता है, जिसने कोरोनोवायरस संकट के कारण दुनिया भर में बढ़ती चिकित्सा सुरक्षा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उच्च मांग के कारण चीनी निर्यात को बढ़ावा दिया है.
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इस सर्वे में संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा चालू खाता घाटे वाला देश बना हुआ है, जिसमे 2020 में लगभग $635 बिलियन डॉलर के तीसरे भाग अथवा आर्थिक उत्पादन का 3.1% था. जापान $158 बिलियन के चालू खाता सरप्लस के साथ तीसरे स्थान पर है. इफो (सूचना और फोर्सचुंग) इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक रिसर्च म्यूनिख, जर्मनी में स्थित एक शोध संस्थान है, जो आर्थिक नीति का आंकलन करता है.
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