चीन हाइड्रोजन संचालित शहरी ट्रेनों को लॉन्च करने वाला एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा देश बन गया है। सितंबर 2022 में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों की शुरुआत करने वाला जर्मनी विश्व का पहला देश था। चीनी कंपनी सीआरआरसी कॉर्पोरेशन लिमिटेडने एक ऐसी ट्रेन बनाई है जिसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है और यह बिना ईंधन भरे 600 किमीतक चल सकता है। फ्रांसीसी कंपनी एल्सटॉम द्वारा विकसित जर्मन कोराडिया आईलिंट सीरियल ट्रेन बिना ईंधन भरे 1175 किलोमीटर की दूरी तय की है। चीनी अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन के संचालन से डीजल कर्षण की तुलना में कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन में प्रति वर्ष 10 टन की कमी आएगी।
Bank Maha Pack includes Live Batches, Test Series, Video Lectures & eBooks
हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरुआत सबसे पहले अगस्त 2022 में जर्मनी में हुई थी। जर्मनी ने 14 हाइड्रोजन ट्रेनों का बेड़ा लॉन्च किया गया था। इन ट्रेनों को फ्रांस की कंपनी Alstom ने तैयार किया है। इनमें हाइड्रोजन फ्यूल सेल का इस्तेमाल किया गया है। ट्रेनों की छतों पर हाइड्रोजन को स्टोर किया जाता है और ऑक्सीजन से मिलने पर यह H2O यानी पानी बनाता है। इस प्रक्रिया में बनने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल ट्रेनों को चलाने के लिए किया जाता है। इसमें किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है और इंजन किसी तरह की आवाज नहीं करता। जर्मनी की हाइड्रोजन ट्रेन की माइलेज 1,000 किमी है लेकिन सितंबर में यह 1175 किमी तक पहुंच गई थी।
भारत भी हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेनों का विकास कर रहा है। यह ट्रेन पूरी तरह स्वदेशी होगी, जिसका डिजाइन भारतीय इंजीनियर तैयार कर रहे हैं। रेल मंत्री का कहना है कि इस साल के अंत तक भारत में हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली ट्रेन तैयार हो जाएगी। इनका डिजाइन मई-जून 2023 तक सामने आ जाएगा। रेलवे ने फाइनेंशियल ईयर 2030 तक नेट जीरो कार्बन एमिटर बनने का लक्ष्य रखा है।
हुरुन रिच लिस्ट 2025 ने एक बार फिर भारत के तेज़ी से बदलते स्टार्टअप और…
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…
भारत अपनी पहली ‘वन विश्वविद्यालय (Forest University)’ की स्थापना की तैयारी कर रहा है, जो…
झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…
संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक,…
बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…