शहरी आपदा प्रबंधन को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए चेन्नई भारत का पहला शहर बन गया है जिसने पूरी तरह से रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग और स्पैटियल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (RTFF & SDSS) को लागू किया है। अक्टूबर 2025 से संचालित यह प्रणाली चेन्नई की बाढ़ पूर्वानुमान, प्रबंधन और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को नई ऊँचाई पर ले गई है। यह पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि चेन्नई अक्सर मॉनसून से होने वाली शहरी बाढ़ से प्रभावित रहता है। सटीक पूर्वानुमान जीवन बचाने, नुकसान कम करने और स्मार्ट शहरी योजना को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग और स्पैटियल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (RTFF & SDSS) एक उन्नत तकनीकी प्रणाली है जो रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके बाढ़ की निगरानी और पूर्वानुमान करती है।
मुख्य घटक:
स्वचालित वर्षा मापक यंत्र (Automatic Rain Gauges – ARGs)
स्वचालित मौसम स्टेशन (Automatic Weather Stations – AWS)
स्वचालित जल स्तर रिकॉर्डर (Automatic Water Level Recorders – AWLRs)
गेट सेंसर (Gate Sensors – GS)
ये सभी उपकरण उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले हाइड्रो-मौसमी डेटा एकत्र करते हैं, जिससे निर्णयकर्ता और स्थानीय अधिकारी सही समय पर कदम उठा सकें।
यह प्रणाली 4,974 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती है, जिसमें चेन्नई और उसके आसपास के जिले शामिल हैं। यह मुख्य रूप से निम्नलिखित नदी उप-बेसिनों पर केंद्रित है:
अडयार नदी
कूम नदी
कोसस्थलैयार नदी
कोवलम नदी
यह व्यापक कवरेज प्रशासन को संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, वर्षा प्रभाव का पूर्वानुमान, और समय पर राहत कार्यवाही करने में सक्षम बनाता है।
यह परियोजना विश्व बैंक (World Bank) के प्रोजेक्ट डेवलपमेंट ग्रांट फंड (PDGF) के तहत वित्तपोषित की गई है।
इसे तमिलनाडु अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (TNUIFSL) द्वारा लागू किया गया।
तकनीकी विकास में निम्नलिखित संस्थाओं का सहयोग रहा:
SECON प्राइवेट लिमिटेड
JBA कंसल्टिंग (यूके)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT-M) — जिसने परियोजना की वैज्ञानिक विश्वसनीयता और तकनीकी मजबूती सुनिश्चित की।
संपूर्ण प्रणाली की निगरानी एक केंद्रीय हाइड्रो मॉडलिंग कंट्रोल रूम (HMCR) से की जाती है।
जमीनी स्तर पर बाढ़ प्रतिक्रिया के लिए क्षेत्रीय नियंत्रण और कमांड केंद्र (RCCCs) निम्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं:
रॉयापुरम
अन्ना नगर
अडयार
इन केंद्रों में CCTV कैमरे, बाढ़ और वर्षा सेंसर, तथा जल स्तर मीटर लगाए गए हैं, जिससे रियल-टाइम में स्थिति की निगरानी और स्थानीय स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया रणनीति संभव हो सके।
यह पहल चेन्नई को भारत में जलवायु सहनशील (climate-resilient) शहरों की अग्रणी श्रेणी में लाती है और आने वाले वर्षों में अन्य महानगरों के लिए एक मॉडल शहरी बाढ़ प्रबंधन प्रणाली का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
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