केंद्र ने ‘चुनावी बांड’ योजना की रूपरेखा का खुलासा किया, जिसमें दानकर्ताओं के नामों का खुलासा किए बिना, राजनीतिक दलों के साफ धन के प्रवाह को सुनिश्चित करेगी..
वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार, चुनावी बांड एक वचन पत्र और एक ब्याज-मुक्त बैंकिंग साधन की प्रकृति का होगा. भारत का नागरिक या भारत में निहित एक निकाय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की निर्दिष्ट शाखाओं से बांड खरीदने के लिए पात्र होंगा.
एक हजार, दस हजार, एक लाख और एक करोड़ रुपये के गुणकों में किसी भी मूल्य के लिए बांड खरीदा जा सकता है.बांड में भुगतानकर्ता का नाम नहीं लिया जाएगा और केवल 15 दिनों के लिए वैध होगा, जिसके दौरान इसे केवल कुछ राजनीतिक दलों के लिए दान करने हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है.
स्रोत- द हिंदू बिजनेस लाइन