भारत सरकार ने राज्य के स्वामित्व वाली पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (Power Finance Corporation Ltd – PFC) को ‘महारत्न (Maharatna)’ का दर्जा दिया है। नया दर्जा पीएफसी को अधिक परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता देगा। पीएफसी को 1986 में विद्युत मंत्रालय के स्वामित्व में एक भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में शामिल किया गया था। यह भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी है, जो विशेष रूप से पावर सेक्टर को समर्पित है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
पीएफसी को ‘महारत्न’ का दर्जा देने से वित्तीय निर्णय लेने के दौरान पीएफसी बोर्ड को बढ़ी हुई शक्तियां प्रदान होंगी। ‘महारत्न’ सीपीएसई का बोर्ड वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण सब्सिडियरी इकाइयों को लेकर इक्विटी निवेश का फैसला कर सकता है साथ ही देश और विदेश में विलय और अधिग्रहण का निर्णय कर सकता है हालांकि, इसके लिये सीमा संबंधित कंपनी के नेटवर्थ के 15 प्रतिशत तक सीमित है, यह एक परियोजना में अधिकतम 5,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है. बोर्ड कर्मियों और मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन भी कर सकता है। वे प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम या दूसरों के बीच अन्य रणनीतिक गठबंधन में भी प्रवेश कर सकते हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक…
सी.आर. पाटिल, माननीय जल शक्ति मंत्री ने इंडिया वॉटर वीक 2024 के समापन समारोह के…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान और भारत व कैरेबियाई…
19 नवंबर 2024 को भारत सरकार की सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और H2Global Stiftung…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू को…
भारत ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स (CCPI) 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में दो…