केनरा बैंक ने चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ में 33% की वृद्धि दर्ज की

भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक कैनरा बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक का शुद्ध लाभ 33.19% की वार्षिक वृद्धि के साथ 5,004 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में ₹3,757.23 करोड़ था। यह परिणाम बैंक की बेहतर संचालन दक्षता और मजबूत ऋण वृद्धि को दर्शाते हैं, हालांकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर थोड़ा दबाव देखा गया।

समाचार में क्यों?

भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, कैनरा बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक का शुद्ध लाभ 33.19% की वार्षिक वृद्धि के साथ 5,004 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹3,757.23 करोड़ था। यह प्रदर्शन बैंक की संचालन दक्षता और मजबूत ऋण वृद्धि को दर्शाता है, हालांकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में थोड़ी गिरावट देखी गई।

मुख्य बिंदु

  • शुद्ध लाभ (Net Profit):5,004 करोड़ (Q4 FY25), 33.19% की वृद्धि YoY

  • कुल ब्याज आय (Total Interest Income):31,002.04 करोड़, 7.62% की YoY वृद्धि

  • संचालन लाभ (Operating Profit):8,284 करोड़, 12% की YoY वृद्धि

  • नेट इंटरेस्ट इनकम (NII):9,442 करोड़ (1.44% की गिरावट YoY)

  • नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM): 2.80% (YoY में 25 बेसिस पॉइंट की गिरावट)

  • सकल एनपीए (Gross NPA): 2.94% (पिछले वर्ष 4.23%)

  • शुद्ध एनपीए (Net NPA): 0.70% (पिछले वर्ष 1.27%)

व्यापार में वृद्धि

  • वैश्विक व्यवसाय (Global Business):25.30 लाख करोड़ (11.32% की YoY वृद्धि)

  • वैश्विक जमा (Global Deposits):14.56 लाख करोड़ (11.01% की वृद्धि)

  • सकल वैश्विक अग्रिम (Gross Global Advances):10.73 लाख करोड़ (11.74% की वृद्धि)

  • घरेलू अग्रिम (Domestic Advances):10.08 लाख करोड़ (11.06% की वृद्धि)

  • घरेलू जमा (Domestic Deposits):13.31 लाख करोड़ (9.56% की वृद्धि)

लाभांश की घोषणा

  • निदेशक मंडल ने FY25 के लिए 4 प्रति इक्विटी शेयर का लाभांश प्रस्तावित किया है (आवश्यक अनुमोदनों के अधीन)।

महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष

  • बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और संपत्ति प्रबंधन में दक्षता को दर्शाता है।

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सकारात्मक प्रवृत्ति, जो भारत की आर्थिक पुनर्प्राप्ति से मेल खाती है।

  • NPA में गिरावट से बेहतर ऋण गुणवत्ता और वसूली तंत्र का संकेत मिलता है।

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vikash

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