कैबिनेट ने 3,400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी दी है, जिससे पशुधन क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। यह संशोधित योजना “विकास कार्यक्रम” योजना के केंद्रीय क्षेत्र घटक के रूप में लागू की जाएगी और 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान ₹3,400 करोड़ का कुल बजट आवंटित किया गया है, जिसमें अतिरिक्त ₹1,000 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इस मिशन का उद्देश्य दूध उत्पादन बढ़ाना, आनुवंशिक सुधार करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है, साथ ही भारत की स्वदेशी गोवंश नस्लों का संरक्षण वैज्ञानिक तरीकों से करना है।

मुख्य बिंदु

वित्तीय आवंटन

  • कुल बजट: ₹3,400 करोड़ (2021-22 से 2025-26)
  • अतिरिक्त बजट: ₹1,000 करोड़ (संशोधित योजना के लिए)

नई पहलें जोड़ी गईं

  • बछिया पालन केंद्रों (Heifer Rearing Centres) के लिए एक बार की सहायता (35%)
    • 15,000 बछियों के लिए 30 आवासीय केंद्रों की स्थापना।
  • उच्च आनुवंशिक योग्यता (HGM) IVF बछियों के लिए 3% ब्याज अनुदान।
    • जो किसान दूध संघों, बैंकों या वित्तीय संस्थानों से HGM IVF बछियों के लिए ऋण लेंगे, उन्हें ब्याज में 3% की सब्सिडी मिलेगी।

प्रमुख चल रही गतिविधियां

  • कृत्रिम गर्भाधान (AI) नेटवर्क और वीर्य स्टेशनों को मजबूत बनाना।
  • लिंग-चयनित वीर्य (Sex-Sorted Semen) तकनीक से नस्ल सुधार को तेज करना।
  • आनुवंशिक सुधार के लिए सांड उत्पादन कार्यक्रम लागू करना।
  • कौशल विकास और किसानों के लिए जागरूकता अभियान।
  • पशुधन प्रजनन के लिए उत्कृष्टता केंद्रों (Centres of Excellence) की स्थापना।
  • केंद्रीय पशु प्रजनन फार्मों को सशक्त बनाना।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का प्रभाव

  • पिछले 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 63.55% की वृद्धि।
  • प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम/दिन से बढ़कर 2023-24 में 471 ग्राम/दिन हुई।
  • पशु उत्पादकता में 26.34% की वृद्धि।
  • राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP) के तहत 8.39 करोड़ पशुओं को कवर किया गया।
  • 605 जिलों में 5.21 करोड़ किसानों को निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान (AI) का लाभ मिला।
  • राज्य पशुधन बोर्ड (SLBs) और विश्वविद्यालयों के तहत 22 IVF लैब स्थापित की गईं।
  • IVF तकनीक से 2541 उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले (HGM) बछड़े जन्मे।

तकनीकी उन्नयन

  • गौ चिप” और “महिष चिप” का विकास
    • भारतीय राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और ICAR-NBAGR द्वारा विकसित स्वदेशी गोवंश के लिए जीनोमिक चिप।
  • “गौ सॉर्ट” – स्वदेशी रूप से विकसित लिंग-चयनित वीर्य तकनीक
    • NDDB द्वारा विकसित तकनीक, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले नस्ल सुधार को बढ़ावा मिलेगा।

रोजगार और आर्थिक प्रभाव

  • दूध उत्पादन में वृद्धि के कारण किसानों की आय में सुधार।
  • देशभर में डेयरी क्षेत्र में कार्यरत 8.5 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • सांड उत्पादन में वैज्ञानिक हस्तक्षेप से स्वदेशी गोवंश नस्लों का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
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vikash

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