प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 6 नवंबर 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, छात्रों को शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (QHEIs) में दाखिला लेने पर बिना किसी जमानत और गारंटर के ऋण की सुविधा मिलेगी, जिसमें ट्यूशन फीस और अन्य शैक्षिक खर्च शामिल होंगे। ₹3,600 करोड़ के बजट के साथ, इस योजना का लक्ष्य हर साल 22 लाख छात्रों को लाभान्वित करना है, ताकि वे बिना आर्थिक रुकावट के अपने शैक्षणिक सपनों को साकार कर सकें।
एकीकृत पोर्टल, ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’, छात्रों को ऋण और ब्याज सब्सिडी के लिए आवेदन की सुविधा देगा। यह सभी बैंकों से जुड़ा होगा और ई-वाउचर तथा सीबीडीसी वॉलेट्स के माध्यम से भुगतान की सुविधा प्रदान करेगा।
यह योजना सरकार के उस व्यापक दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है जो विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना वित्तीय बाधाओं को दूर करेगी और भारत की “युवा शक्ति” को अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुंचने में सशक्त बनाएगी।
Why in News | Key Points |
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पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी | केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 6 नवंबर, 2024 को योजना को मंजूरी दी गई। |
उद्देश्य | मेधावी विद्यार्थियों को बिना किसी जमानत, बिना किसी गारंटर के शिक्षा ऋण उपलब्ध कराता है। |
ऋण कवरेज | शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (QHEI) में छात्रों के लिए पूर्ण ट्यूशन फीस और अन्य पाठ्यक्रम-संबंधी खर्च। |
परिव्यय | 2024-25 से 2030-31 तक ₹3,600 करोड़ आवंटित। |
पात्रता | एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 860 क्यूएचईआई में प्रवेश पाने वाले छात्र। |
कवर किए गए संस्थान | शीर्ष 860 संस्थानों, जिनमें सरकारी और निजी दोनों शामिल हैं, को एनआईआरएफ (समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन-विशिष्ट रैंकिंग) में शीर्ष 100 में स्थान दिया गया। |
ब्याज अनुदान | 8 लाख रुपये तक की पारिवारिक आय वाले छात्रों के लिए ऋण स्थगन अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 3% ब्याज अनुदान। |
क्रेडिट गारंटी | चूक की स्थिति में 7.5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए 75% ऋण गारंटी। |
लाभार्थियों | इससे प्रतिवर्ष 22 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है। |
डिजिटल प्लेटफॉर्म | ऋण आवेदन और ब्याज अनुदान के लिए एकीकृत पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’। |
कार्यान्वयन समयरेखा | 2024-25 से 2030-31 तक। |
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