बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा दक्षिण भारत की पहली संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला (IRDL) स्थापित करने के लिए चुना गया है। यह पहल क्षेत्र में संक्रामक रोगों के निदान और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह प्रयोगशाला बैक्टीरिया, फंगस और परजीवियों से होने वाले रोगों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे तेज़ी से निदान और बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। यह परियोजना भारत भर के मेडिकल कॉलेजों में विशेष प्रयोगशालाएँ स्थापित करने के राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है।
संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान
मुख्य क्षेत्र
सरकारी समर्थन
महत्त्व
मोनिज कैथ लैब सुइट
नए ऑडिटोरियम
| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | BMCRI दक्षिण भारत की पहली संक्रामक रोग अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करेगा |
| स्थापना | ICMR द्वारा दक्षिण भारत की पहली IRDL के लिए BMCRI का चयन |
| IRDL के फोकस क्षेत्र | बैक्टीरियोलॉजी, माइकोलॉजी, पैरासिटोलॉजी (संक्रामक रोग अनुसंधान) |
| निदान पर प्रभाव | तेज़ निदान, नमूनों को राज्य के बाहर भेजने की आवश्यकता कम होगी |
| सरकारी समर्थन | भारत भर में विशेष प्रयोगशालाओं का निर्माण करने की केंद्र सरकार की पहल का हिस्सा |
| अतिरिक्त सुविधाएँ | मोनिज कैथ लैब सुइट (कोरोनरी एंजियोग्राफी, स्ट्रोक प्रबंधन) और दो नए ऑडिटोरियम |
| भविष्य में प्रभाव | बेंगलुरु और आस-पास के क्षेत्रों में उन्नत निदान सटीकता और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित होंगी |
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