संसाधनों के व्यापक प्रबंधन के जरिए अतिप्राचीन तटीय और समुद्री पारिस्थितिकीय तंत्र के रक्षण और संरक्षण की भारत की प्रतिबद्धता की एक बार फिर से सराहना करते हुए लक्षद्वीप स्थित उसके दो नए समुद्र तटों – मिनिकॉय थुंडी तट और कदमत तट को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल “ब्लू फ्लैग” प्रदान किया गया है। इसके साथ ही भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणन के तहत प्रमाणित समुद्र तटों की संख्या बारह (12) हो गई है।
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थुंडी बीच लक्षद्वीप द्वीपसमूह के सबसे प्राचीन और मनोरम समुद्र तटों में से एक है। यहां पर बिछी सफेद रेत, खाड़ी या लैगून के फ़िरोज़ा नीले पानी से घिरी है। यह तैराकों और पर्यटकों दोनों के ही लिए स्वर्ग के समान है। कदमत तट विशेष रूप से क्रूज पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो वॉटर स्पोर्ट्स के लिए इस द्वीप पर आते हैं। सफेद मोतियों सी रेत, खाड़ी का नीला पानी, मध्यम जलवायु और मैत्रीपूर्ण स्थानीय लोगों वाला यह तट प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।
दोनों तटों पर साफ-सफाई और रखरखाव; तथा तैराकों की रक्षा और सुरक्षा के लिए नामित कर्मचारी हैं। दोनों समुद्र तट फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (एफईई) द्वारा अधिदेशित समस्त 33 मानदंडों का अनुपालन करते हैं। ब्लू बीच में शामिल अन्य भारतीय समुद्र तटों में – शिवराजपुर-गुजरात, घोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल, रुशिकोंडा- आंध्र प्रदेश, गोल्डन-ओडिशा, राधानगर- अंडमान और निकोबार, तमिलनाडु में कोवलम और पुडुचेरी में ईडन शामिल हैं।
डेनमार्क की फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (एफईई) की ओर से वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल-ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया जाता है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की पात्रता हासिल करने के लिए, कड़े पर्यावरण, शैक्षिक, सुरक्षा-संबंधी और पहुंच-संबंधी मानदंडों की एक श्रृंखला को पूरा करना चाहिए और उन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए। ब्लू फ्लैग का मिशन पर्यावरणीय शिक्षा, पर्यावरणीय संरक्षण और अन्य चिरस्थायी विकास पद्धतियों के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र में निरंतरता को बढ़ावा देना है।
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