केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 दिसम्बर 2016 को, दोहरे कराधान से बचने के लिए, भारत और ताजिकिस्तान के बीच हुए समझौते में संशोधन के लिए प्रोटोकॉल को मंजूरी दे दी है. इसके अतिरिक्त, समझौते का एक उददेश्य आय पर करों के संबंध में राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम करना भी है. एक प्रोटोकॉल के प्रभावी हो जाने के बाद, दोहरे कराधान से बचाव समझौते के तहत (DTAA), गैर कर उद्देश्यों के लिए अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ यह सूचनाओं को साझा करने में सक्षम बनायेगा.
स्रोत – दि हिन्दू