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‘दक्षिण एशिया सैटेलाइट’ लॉन्च – विचार करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

'दक्षिण एशिया सैटेलाइट' लॉन्च – विचार करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु |_2.1
भारत जीएसएटी (GSAT)-9 या “दक्षिण एशिया” सैटेलाइट को ले जाने वाले भौगोलिक तुल्यकालन उपग्रह प्रक्षेपण वाहन(Geosynchronous Satellite Launch Vehicle)(जीएसएलवी-एफ 09) को लॉन्च करने के लिए तैयार है. भारतीय प्रधान मंत्री के अनुसार, सैटेलाइट पड़ोसी देशों के लिए एक “अनमोल उपहार” होगा. उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जायेगा.


नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश और श्रीलंका सहमत है लेकिन पाकिस्तान इस परियोजना का हिस्सा नहीं है, इसे शुरू में सार्क उपग्रह का नाम दिया गया था.

सैटेलाइट के महत्वपूर्ण बिंदु-
  • जीएसएलवी-एफ 09 का लिफ्ट-ऑफ मास 2,230 किलो है जिसमें सैटेलाइट और इसके प्रक्षेपण वाहन शामिल हैं.
  • सैटेलाइट की मेनफ्रेम का आकार आयतफलकी है, जोकि केंद्रीय सिलेंडर के चारों ओर निर्मित है.
  • इस मिशन की अवधि 12 वर्ष है.
  • उपग्रह दक्षिण एशिया के देशों के बीच संचार और आपदा समर्थन और संयोजकता प्रदान करेगा
  • इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी देशों के पास कम से कम एक ट्रांसपोंडर का उपयोग होगा जिससे वह अपनी खुद की प्रोग्रामिंग प्रसारण कर सकते हैं.
  • नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश और श्रीलंका इस परियोजना का हिस्सा हैं
  • उपग्रह बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए देशों के बीच संचार चैनल प्रदान करेगा क्योंकि यह क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त है.
स्त्रोत- हिंदुस्तान टाइम्स

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