केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए विदेशी निवेशको को स्थायी रूप से रहने का दर्जा (पीआरएस) देने की योजना को सशर्त मंजूरी दे दी है।
इसके अन्तर्गत सरकार द्वारा समय-समय पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की नीति के बारे में जारी की गई समुचित शर्तों का पालन करना होगा। इस योजना से भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को लागू करने में सुविधा होगी। योजना के तहत विदेशी निवेशकों को पीआरएस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वीजा मैनुअल में समुचित व्यवस्थाएं शामिल की जायेंगी।
इसके कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
इसके कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- व्यापार के लिए सरकारी मार्ग, ई-कॉमर्स के माध्यम से सहित तहत 100% एफडीआई, खाद्य
विनिर्मित और / या भारत में उत्पादित उत्पादों के संबंध में अनुमति - रक्षा क्षेत्र में 100% तक विदेशी निवेश
- विदेशी निवेशकों को 10 साल तक मल्टीपल एंट्री की सुविधा
- सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई के तहत स्टोर खोलने वाली कंपनी को स्थानीय स्तर पर 30 फीसदी की खरीदारी करने की अनिवार्य शर्त से छूट दे दी गई। सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी तक एफडीआई की इजाजत हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर खरीदारी की शर्त से छूट पहले तीन साल के लिए होगी जिसमें तीन साल के बाद स्थानीय स्तर पर खरीदारी अनिवार्य होगा।