भारत के नेट जीरो के लक्ष्य से देश की अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी। साथ ही इससे रोजगार के डेढ़ से दो करोड़ तक नये अवसर भी सृजित होंगे। एक ताजा रिपोर्ट में यह बात कही गई है। मालूम हो कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो यानी प्रदूषणकारी तत्वों के उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य रखा है।
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गेटिंग एशिया टू नेट जीरो से संबंधित हाई लेवल मालिसी कमीशन का कहना है कि भारत जलवायु से संबंधित अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करके और उन्हें बढ़ाकर वित्त संबंधी जोखिमों को खत्म कर सकता है। इसके साथ ही स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण को बहुत बेहतर बना सकता है। रिपोर्ट में पाया गया है कि स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण की प्रक्रिया को अभी से शुरू किया जाना यह तय करने के लिहाज से अहम होगा कि भारत कब नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करेगा। साथ ही उसे इसका कितना फायदा होगा।
भारत अगर अपने वर्तमान इरादे के तहत वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करता है, तो उसकी अर्थव्यवस्था को 2036 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में अनुमानित आधारभूत वृद्धि से 4.7 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। यह कुल 371 बिलियन डॉलर होगा। वर्ष 2047 तक इससे रोजगार के डेढ़ करोड़ नए अवसर पैदा हो सकते हैं। सरकार को 2047 तक सारे उपाय करने लेने होंगे।
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