लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro – L&T) ने ग्रीन हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला (Green Hydrogen value chain) में संयुक्त रूप से अनुसंधान और विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत, दोनों संस्थान इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकसित करते हुए भारत में हरित हाइड्रोजन उद्योग के विकास में योगदान देंगे। अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है जिसमें कार्बन का नामोनिशान नहीं होता है।
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केंद्र सरकार ने फरवरी 2022 में ग्रीन हाइड्रोजन नीति को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन को बढ़ावा देना है, ताकि देश को अणु के पर्यावरण के अनुकूल संस्करण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने में मदद मिल सके। भारत जैसे देशों के लिए, अपने बढ़ते तेल और गैस आयात बिल के साथ, ग्रीन हाइड्रोजन आयातित जीवाश्म ईंधन पर समग्र निर्भरता को कम करके महत्वपूर्ण ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत का वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो बनने का अपना महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।
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