भारतीय सेना और अमेरिकी सेना उत्तराखंड के औली में 14 से 31 अक्टूबर, 2022 तक पखवाड़े तक चलने वाले मेगा सैन्य अभ्यास “युद्ध अभ्यास” के 18वें संस्करण का आयोजन करेंगे। अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाना है। अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में अमेरिका के अलास्का में हुआ था।
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गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीचे रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं। जून 2016 में अमेरिका ने भारत को ‘प्रमुख रक्षा भागीदार’ नामित किया था। अब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में ये अभ्यास हो रहा है।
युद्ध अभ्यास के बारे में
- इस अभ्यास का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाना है।
- पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत की लंबी सीमा रेखा की पृष्ठभूमि में “युद्ध अभ्यास” अभ्यास हो रहा है।
- भारत-अमेरिका रक्षा संबंध पिछले कुछ वर्षों से प्रगाढ़ हो रहे हैं।
- जून 2016 में अमेरिका ने भारत को ‘प्रमुख रक्षा भागीदार’ नामित किया था।
- अब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में ये अभ्यास हो रहा है।
दो देशों का रक्षा इतिहास:
- भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा समझौते हुए हैं। जिसमें 2016 में हुआ लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट शामिल है।
- इसके तहत दोनों देशों की सेना एक दूसरे के ठिकानों का इस्तेमाल हथियारों की मरम्मत और आपूर्ति के लिए कर सकते हैं।
- इसके अलावा दोनों देशों में 2018 में COMCASA (संचार संगतता और सुरक्षा समझौते) पर भी हस्ताक्षर हुए। जो दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन प्रदान करता है। इसके तहत भारत अमेरिका से उच्च तकनीक खरीद सकेगा।
- अक्टूबर 2020 में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) समझौते पर मुहर लगाई थी।
- ये समझौता दोनों देशों के बीच उच्च अंत सैन्य प्रौद्योगिकी, रसद और भू-स्थानिक मानचित्रों को साझा करता है।