विश्व बौद्धिक संपदा दिवस प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की भूमिका के बारे में जानने के लिए मनाया जाता है. यह दिन नए और बेहतर समाधान खोजने के लिए युवाओं की विशाल क्षमता को पहचानता है जो एक स्थायी भविष्य के लिए संक्रमण का समर्थन करते हैं।
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विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के लिए इस वर्ष का थीम/विषय “IP and Youth: Innovating for a better future (बौद्धिक संपदा और युवा: बेहतर भविष्य के लिए नवाचार)” है। यह थीम/विषय सकारात्मक परिवर्तन पर केंद्रित है जो नवीन दिमाग़ या बुद्धिक़ स्तर द्वारा ऊर्जा, नवाचार और रचनात्मकता के माध्यम से उत्पन्न किआ जाता है।
History of World Intellectual Property Day:
इस दिन की शुरुआत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization) द्वारा साल 2000 में दुनिया भर में “नवाचार और रचनामकता को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने और रोजमर्रा के जीवन पर रचनाकारों द्वारा समाज के विकास में किए गए योगदान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाने के दिन के रूप में चुना गया था क्योंकि यह उस दिन आता है जब 1970 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना करने वाला सम्मेलन लागू हुआ था.
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