भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण वाहन, जीओसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वाहन (जीएसएलवी) मार्क III को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए तैयार है. यह सबसे भारी भारतीय संचार उपग्रहों को लांच करने के लिए बनाया गया, जब भारत के अंतरिक्ष प्रयासों की बात आती है तो जीएसएलवी मार्क -3 गेम चेंजेर हो सकता है. इसरो, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से 5 जून, 2017 को जीएसएलवी मार्क III, जिसे पहले लॉन्च व्हीकल मार्क (एलवीएम) -3 नामित किया गया, हैवी लॉन्च क्षमता लांचर लॉन्च करेगा.
अब तक, भारत दो टन के वजन वाले उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए उच्च-लागत वाले यूरोपीय रॉकेट का इस्तेमाल कर रहे है. यह नया वाहन अंतरिक्ष में चार टन तक वजन वाले उपग्रहों को रखने की क्षमता रखता है, और यह वर्तमान जीएसएलवी-मार्क-II की तुलना में दुगुना उठा सकता है.
जीएसएलवी-मार्क -3 के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु:
1. जीएसएलवी मार्क -3 ने इसरो को भारत के भारी संचार अंतरिक्ष यान से 36,000 किलोमीटर की भूभौतिकीय कक्षाओं में लॉन्च करने के लिए सक्षम बनाया है।.
2. जीएसएलवी मार्क III GSAT-19 उपग्रह का लांच करेगा, यह एक उच्च माध्यमिक संचार उपग्रह है. इससे देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के भारत के प्रयासों को मदद मिलेगी.
3. जीएसएलवी तीन चरण वाला वाहन है जो दो सॉलिड मोटर स्ट्रेप-ओन्स के साथ एक तरल प्रणोदक अवस्था (L110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी 25).
4. जीएसएलवी-एमके III-डी 1 जीएसएटी -19 उपग्रह के साथ पहली विकास उड़ान है.
स्त्रोत- द फाइनेंसियल एक्सप्रेस