BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन गांधीनगर, गुजरात में 7 से 11 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। यह सम्मेलन BIMSTEC देशों के युवा नेताओं को एक मंच पर लाकर सहयोग, नवाचार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 8 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया करेंगे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के युवाओं के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करना है। इसे भारत सरकार के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय के युवा कार्य विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का मुख्य फोकस युवा-नेतृत्व वाली पहलों, नेतृत्व चर्चाओं और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर रहेगा।
BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 क्यों महत्वपूर्ण है?
BIMSTEC (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) की स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। वर्षों से, BIMSTEC ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में कार्य किया है। हालांकि, युवा सहभागिता अब एक प्रमुख फोकस क्षेत्र बन गई है, जिससे BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है, जहां युवा नेता अपने विचार साझा कर सकते हैं, नीतियों पर चर्चा कर सकते हैं और क्षेत्रीय प्रगति में योगदान दे सकते हैं।
इस शिखर सम्मेलन की थीम “अंतर-BIMSTEC आदान-प्रदान के लिए युवा एक सेतु के रूप में” रखी गई है, जो क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में युवा दिमागों की भूमिका को दर्शाती है। भारत सरकार इस अवसर को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) 2030 के साथ जोड़ने के रूप में देख रही है, ताकि यह क्षेत्र नवाचार और सहयोग के माध्यम से निरंतर प्रगति कर सके।
मुख्य सत्र और पहल क्या हैं?
BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 में कई चर्चाएं और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जो युवा प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगी। एक प्रमुख सत्र “विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग X BIMSTEC” होगा, जिसमें सदस्य देशों के युवा नेता अपने-अपने देश की युवा केंद्रित पहलों को प्रस्तुत करेंगे।
इस शिखर सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख आकर्षण “मेरा युवा भारत (MY भारत)” पहल है, जिसे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। MY भारत का उद्देश्य युवा विकास के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करना है, जो तकनीकी नवाचार का उपयोग करके समान अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। यह पहल युवाओं को नेतृत्व भूमिकाओं के लिए तैयार करने, नीति निर्माण में उनकी भागीदारी बढ़ाने, और आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तन को गति देने में मदद करेगी।
प्रतिनिधियों को कौन-कौन से सांस्कृतिक और तकनीकी अनुभव प्राप्त होंगे?
चर्चाओं और नीति संवादों के अलावा, BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 प्रतिभागियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और तकनीकी प्रगति को करीब से देखने का अवसर देगा। इस दौरान प्रतिनिधि निम्नलिखित महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा करेंगे:
- दांडी कुटीर – महात्मा गांधी को समर्पित भारत का सबसे बड़ा संग्रहालय, जो उनके आत्मनिर्भरता के विचार और जीवन दर्शन को प्रदर्शित करता है।
- साबरमती आश्रम – गांधीजी के अहिंसा और राष्ट्र निर्माण के आदर्शों का प्रतीक, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है।
- साबरमती रिवरफ्रंट – आधुनिक शहरी योजना और सतत विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण।
- GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) – भारत की पहली स्मार्ट सिटी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC), जहां प्रतिनिधि वित्तीय तकनीक और वैश्विक व्यापार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करेंगे।
GIFT सिटी का दौरा युवा प्रतिनिधियों को भारत की तकनीकी और वित्तीय उन्नति को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर देगा, जिससे वे अपने-अपने देशों में इसी तरह के विकास मॉडल लागू करने के लिए प्रेरित होंगे।
BIMSTEC युवा सहयोग का भविष्य क्या है?
BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025 केवल एक सम्मेलन भर नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय एकता और प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण आंदोलन है। यह शिखर सम्मेलन युवा नेताओं, नीति निर्माताओं और नवाचारकर्ताओं के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित करेगा, जिससे दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के भविष्य को आकार देने में मदद मिलेगी।
यह आयोजन भविष्य के BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलनों की एक मजबूत नींव रखेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि युवा नेता आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाएं। इस पहल के माध्यम से सदस्य देश नवाचार, सहयोग और सतत विकास की दिशा में एक साथ आगे बढ़ सकेंगे, जिससे पूरे क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।