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BIMSTEC: फुल फॉर्म, सदस्य देश, उद्देश्य और क्षेत्रीय सहयोग का महत्व

छठा BIMSTEC शिखर सम्मेलन 4 अप्रैल, 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित किया गया। इस शिखर सम्मेलन के दौरान, बिम्सटेक सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्रीय विकास और एकीकरण के उद्देश्य से छह प्रमुख परिणामों को मंजूरी दी, साथ ही 2030 तक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण भी अपनाया।

छठा BIMSTEC शिखर सम्मेलन 4 अप्रैल, 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित किया गया। इस शिखर सम्मेलन के दौरान, बिम्सटेक सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्रीय विकास और एकीकरण के उद्देश्य से छह प्रमुख परिणामों को मंजूरी दी, जिसमें 2030 तक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने का साझा दृष्टिकोण शामिल था।

BIMSTEC क्या है?

BIMSTEC का फुल फॉर्म Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) है। यह एक क्षेत्रीय संगठन है जो दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को एक साथ लाता है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सुरक्षा, संपर्क और सतत विकास सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गठन की तिथि:

6 जून, 1997

वास्तविक नाम:

BIST-EC – बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग

वर्तमान नाम:

BIMSTEC – बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (जुलाई 2004 में बैंकॉक में प्रथम शिखर सम्मेलन के दौरान इसका नाम बदल दिया गया था।)

संस्थापक सदस्य देश (1997)

संगठन की स्थापना चार संस्थापक देशों के साथ की गई थी :

  • बांग्लादेश
  • भारत
  • श्रीलंका
  • थाईलैंड

इन देशों ने 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।
प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता:

  • अबुल हसन चौधरी (बांग्लादेश)
  • सलीम इकबाल शेरवानी (भारत)
  • डीपी विक्रमसिंघे (श्रीलंका)
  • पिटक इंट्राविट्यानुंट (थाईलैंड)

सदस्यता का विस्तार

म्यांमार

  • 22 दिसंबर 1997 को शामिल हुए
  • म्यांमार के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर BIMST-EC कर दिया गया

नेपाल और भूटान

  • दोनों फरवरी 2004 में शामिल हुए.
  • अंतिम नाम BIMSTEC जुलाई 2004 में प्रथम शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाया गया था.

वर्तमान सदस्य देश

वर्तमान में बिम्सटेक में सात देश सदस्य हैं :

  1. बांग्लादेश
  2. भूटान
  3. भारत
  4. म्यांमार
  5. नेपाल
  6. श्रीलंका
  7. थाईलैंड

ये देश बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित हैं और सामरिक एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

BIMSTEC के मुख्य उद्देश्य

BIMSTEC का प्राथमिक उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना तथा अपने सदस्यों के बीच सहयोग के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी लाना है।

विस्तार से मुख्य उद्देश्य:

  • आर्थिक विकास: व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, परिवहन, पर्यटन, ऊर्जा और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग करके सदस्य देशों के बीच तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
  • सामाजिक प्रगति: समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित करके क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में कार्य करना।
  • तकनीकी सहयोग: नवाचार और डिजिटल उन्नति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • कनेक्टिविटी: क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए भौतिक, डिजिटल और लोगों से लोगों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करना।
  • ऊर्जा सहयोग: ऊर्जा अन्वेषण, व्यापार और नवीकरणीय संसाधनों के विकास में सहयोग को बढ़ावा देकर ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन: प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन जैसी साझा चुनौतियों से निपटने में सहयोग बढ़ाना।
  • सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोध: आतंकवाद निरोध और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने सहित क्षेत्रीय सुरक्षा के मामलों पर संयुक्त रूप से कार्य करना।

BIMSTEC का महत्व

  • रणनीतिक अवस्थिति: बंगाल की खाड़ी क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ता है, जिससे बिम्सटेक दो गतिशील क्षेत्रों के बीच एक सेतु बन जाता है।
  • SAARC का विकल्प: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के समक्ष चुनौतियों के कारण, बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक अधिक सक्रिय मंच के रूप में उभरा है।
  • विकास पर ध्यान: कई अन्य क्षेत्रीय समूहों के विपरीत, बिम्सटेक कई क्षेत्रों में आर्थिक विकास और सतत विकास पर जोर देता है।
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