भारत और फ्रांस की नौसेनाओं (India France Naval Exercise) के बीच होने वाले द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘वरुण (Varuna)’ के 21वें संस्करण की शुरुआत 16 जनवरी को हुई। यह अभ्यास पश्चिमी तट पर हो रहा है। इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेनाएं एकदूसरे के अनुभवों से युद्ध क्षेत्र में कौशल का विकास करेंगी। अभ्यास 16 जनवरी से 20 जनवरी तक चलेगा।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
Delhi: 21st Edition of the bilateral naval exercise between India and France, ‘Exercise Varuna’, commenced on the Western Seaboard today. Exercise will be conducted over five days from 16th to 20th January.
(File Pics) pic.twitter.com/XuPDfbDqc4
— ANI (@ANI) January 16, 2023
मुख्य बिंदु
- अभ्यास वरुण के दौरान दोनों नौसेनाएं अपग्रेडेड एयर डिफेंस एक्सरसाइज, टैक्टिकल युद्ध अभ्यास, फायरिंग, अंडरने रिप्लेनिश और अन्य समुद्री संचालनों का आयोजन किया जाएगा। दोनों नौसेनाओं की यूनिट समुद्री थिएटर में अपने युद्ध लड़ने के कौशल को तराशने का प्रयास करेंगी।
- इसके साथ ही समुद्री क्षेत्र में मल्टी-डिसीप्लिन संचालन करने के लिए अपनी इंटर-ऑपरेबिलिटी को बढ़ाना और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत बल के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगी।
- भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास की शुरुआत 1993 में हुई थी। इसे 2001 में ‘वरुण’ नाम दिया गया था। पिछले 30 सालों में यह अभ्यास भारत-फ्रांस रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों की पहचान बन गया है।
- अभ्यास ‘वरुण’ के इस संस्करण में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वदेशी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर INS चेन्नई, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तेग, समुद्री गश्ती विमान P-8I और डोर्नियर, स्वदेशी हेलीकॉप्टर और मिग-29K लड़ाकू विमान भाग लेगें।
- इसके साथ ही फ्रांसीसी नौसेना का प्रतिनिधित्व विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल, FS फोर्बिन और प्रोवेंस, सपोर्ट पोत FS मार्ने और समुद्री गश्ती विमान अटलांटिक करेंगे। यह अभ्यास 16 से 20 जनवरी 2023 तक पांच दिनों में आयोजित किया जाएगा।
- यह अभ्यास समुद्र में अच्छी व्यवस्था के लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन स्तर की बातचीत की सुविधा प्रदान करता है, जो वैश्विक समुद्री कॉमन्स की सुरक्षा, सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।