बिहार का लिंगानुपात घटकर 882 पर पहुंचा: कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ सरकार का कदम

बिहार में जन्म के समय लिंगानुपात में चिंताजनक गिरावट देखने को मिली है, जो अब प्रति 1,000 पुरुषों पर 882 महिलाएं है। इस गिरावट ने सरकार को तत्काल कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। राज्य ने प्री-कंसेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (PC-PNDT) अधिनियम को सख्ती से लागू करने का वादा किया है और महिला भ्रूण हत्या रोकने और लैंगिक समानता में सुधार के लिए कई जागरूकता अभियानों की शुरुआत की है। 2022-23 में 894 के मुकाबले 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 882 हो गया है, जिससे बिहार देश के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है।

महत्वपूर्ण आंकड़े और सरकारी प्रतिक्रिया

  • राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात (SRB) में काफी गिरावट आई है। वैशाली, भोजपुर और सारण जैसे क्षेत्रों में यह गिरावट सबसे अधिक देखी गई है।
  • स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” पर जोर दिया, जो एक लड़की के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा तक के लिए मदद करती है।
  • मंत्री ने महिला भ्रूण हत्या को नैतिक और सामाजिक समस्या बताया और बेटियों को बेटों के समान महत्व देने की अपील की।

जागरूकता अभियान और कानून प्रवर्तन

  • इस संकट के जवाब में बिहार सरकार सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से मानसिकता में बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • सामाजिक कल्याण विभाग ने जिलाधिकारियों को PC-PNDT अधिनियम के सख्त अनुपालन का निर्देश दिया है।
  • विशेष रूप से वैशाली और भोजपुर जैसे जिलों में लड़कियों के जन्म का जश्न मनाने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर बमरा ने समाज को बेटियों को बचाने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

लैंगिक समानता में सुधार: आगे का रास्ता

  • हालांकि कुछ जिलों, जैसे भागलपुर, सिवान और किशनगंज में SRB में सुधार हुआ है, लेकिन बिहार को लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए PC-PNDT अधिनियम और जागरूकता अभियानों को सख्ती से लागू करना होगा।
  • “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” जैसी पहलों के जरिए राज्य समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

समचार का सारांश मुख्य बिंदु
क्यों चर्चा में? बिहार में जन्म के समय लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 882 महिलाएं (2023-24) हो गया, जिससे सरकार ने कार्रवाई शुरू की।
लिंगानुपात में गिरावट 2022-23 में 894 से गिरकर 2023-24 में 882।
महिला भ्रूण हत्या रोकने और लैंगिक समानता के लिए प्रयास मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना: जन्म से लेकर शिक्षा तक लड़कियों का समर्थन।
PC-PNDT अधिनियम: लिंग चयनात्मक गर्भपात रोकने के लिए सख्ती से लागू।
लड़कियों को सम्मानित करने और मानसिकता बदलने के लिए जागरूकता अभियान बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना: 2015 में शुरू किया गया राष्ट्रीय कार्यक्रम।
वैशाली और भोजपुर जिलों में गिरावट, भागलपुर में सुधार – वैशाली: सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला जिला, SRB 800 से नीचे।
महिला भ्रूण हत्या पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री का बयान – मंगल पांडे: इसे नैतिक और सामाजिक मुद्दा बताया।
– बिहार के मुख्यमंत्री: नीतीश कुमार।
– बिहार की राजधानी: पटना।
कानूनों का सख्त अनुपालन – मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कड़े क्रियान्वयन का निर्देश दिया।
– लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़े – बेटे की प्राथमिकता के कारण 4.6 करोड़ “गुमशुदा” महिलाएं।
– बिहार का फोकस: सख्त क्रियान्वयन और जागरूकता कार्यक्रम।

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vikash

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