बिहार सरकार ने हाल ही में अपने जाति सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें राज्य की जनसांख्यिकीय संरचना पर प्रकाश डाला गया। हालांकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अभी तक कोई विस्तृत विश्लेषण नहीं किया गया है, सर्वेक्षण बिहार में जाति वितरण पर मूल्यवान डेटा प्रदान करता है।
बिहार जाति सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष यहां दिए गए हैं:
1. ओबीसी और ईबीसी का हाव-भाव:
2. अनुसूचित जाति और जनजाति:
3. सामान्य जाति और यादव:
4. धार्मिक रचना:
सर्वेक्षण विशिष्ट जाति समूहों में अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है:
6. यादव, कुशवाहा और कुर्मी:
7. बड़े पैमाने पर डेटा संग्रह:
8. आरक्षण के लिए निहितार्थ:
सर्वेक्षण के निष्कर्ष राज्य में आरक्षण पर 50% की सीमा को चुनौती देने के लिए दरवाजा खोल सकते हैं।
9. सरकारी पहल:
बिहार सरकार ने जनवरी में दो चरणों का जाति सर्वेक्षण शुरू किया था, जिसमें राज्य के लगभग 12.70 करोड़ लोगों की आर्थिक स्थिति और जाति के आंकड़े दर्ज किए गए थे।
10. पिछले डेटा के साथ तुलना:
केंद्र सरकार ने 2011 (एसईसीसी-2011) में एक जाति सर्वेक्षण किया था, लेकिन डेटा कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था।
बिहार की राजधानी पटना है।
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