सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने स्वदेशी ‘सलेक्टिव कैटालिस्ट रिएक्टर’ (एससीआर) का पहले सेट का विनिर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इससे कंपनी को ताप बिजली घरों से एनओएक्स के उत्सर्जन को सीमित करने में मदद मिलेगी। यह प्रणाली उत्सर्जन नियंत्रण में मदद करती है।
बीएचईएल की ओर से जारी बयान के अनुसार, इन सलेक्टिव कैटालिस्ट रिएक्टर (एससीआर) का अबतक आयात हो रहा है। यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बयान में कहा गया कि बीएचईएल की निदेशक (औद्योगिक प्रणाली व उत्पाद) रेणुका गेरा ने स्वदेशी एससीआर कैटालिस्ट के पहले सेट को कंपनी के बेंगलुरु के सौर कारोबार प्रभाग से तेलंगाना में पांच गुणा 800 मेगावाट के यदाद्री ताप बिजली स्टेशन के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया।
बीएचईएल ने एसबीडी इकाई में एससीआर कैटालिस्ट विनिर्माण सुविधा स्थापित की है। कोयले दहन नाइट्रोजन को नाइट्रिक ऑक्साइड (एनओ), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) और नाइट्रस ऑक्साइड (एन2ओ) जैसे उत्पादों में परिवर्तित करता है। इन उत्पादों को सामूहिक रूप से नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) कहा जाता है। ये प्रदूषण फैलाते हैं।
एनओएक्स के दीर्घकालिक गंभीर प्रभाव के मद्देनजर पर्यावरण व वन मंत्रालय की अधिसूचना पर विचार करते हुए तेलंगाना राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने पांच गुणा 800 मेगावाट के यदाद्री ताप बिजली स्टेशन के लिए एससीआर का ऑर्डर दिया था। बीएचईएल पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध रहा है और थर्मल पावर प्लांटों के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों की एक पूरी शृंखला पेश करता है।
थर्मल पावर स्टेशनों में एनओएक्स (NOx) उत्सर्जन को कम करने के लिए बीएचईएल ने अपनी एसबीडी इकाई में एक अत्याधुनिक एससीआर उत्प्रेरक विनिर्माण सुविधा स्थापित की है। NOx गैस के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को देखते हुए तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिसूचना के मद्देनजर, टीएसजेनको ने 5×800 मेगावाट यदाद्री टीपीएस के लिए, महाजेनको ने 1×660 मेगावाट भुसावल टीपीएस के लिए, डबल्यूबीपीडीसीएल (WBPDCL) ने 1×660 मेगावाट सागरदिघी टीपीएस के लिए तथा नाल्को ने 1×18.5 मेगावाट दामनजोड़ी टीपीएस के लिए एससीआर के ऑर्डर दिये हैं।
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