भारतीय न्याय संहिता 2023, पूरी जानकारी देखें

तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023, 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे। भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नियमित बैठकें की हैं और वे नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करने के मामले में पूरी तरह तैयार हैं।

भारतीय न्याय संहिता 2023 क्या है?

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारत गणराज्य में आधिकारिक दंड संहिता है। यह दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित होने के बाद 1 जुलाई, 2024 को भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदलने के लिए लागू हुई, जो ब्रिटिश भारत के समय से चली आ रही है।
  • भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं। संशोधन के जरिए इसमें 20 नए अपराध शामिल किए हैं, तो 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है। 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 में शामिल अपराध

भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और निरस्त आईपीसी के 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है। 33 अपराधों के लिए कारावास की सज़ा बढ़ा दी गई है और 83 अपराधों के लिए जुर्माना बढ़ा दिया गया है। 23 अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सज़ा पेश की गई है। छह अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा की सज़ा पेश की गई है।

अहम धाराओं में बदलाव

धारा 124: आईपीसी की धारा 124 राजद्रोह से जुड़े मामलों में सजा का प्रावधान रखती थी। नए कानूनों के तहत ‘राजद्रोह’ को एक नया शब्द ‘देशद्रोह’ मिला है यानी ब्रिटिश काल के शब्द को हटा दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता में अध्याय 7 में राज्य के विरुद्ध अपराधों कि श्रेणी में ‘देशद्रोह’ को रखा गया है।

धारा 144: आईपीसी की धारा 144 घातक हथियार से लैस होकर गैरकानूनी सभा में शामिल होना के बारे में थी। इस धारा को भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 11 में सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखा गया है। अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 187 गैरकानूनी सभा के बारे में है।

धारा 302: पहले किसी की हत्या करने वाला धारा 302 के तहत आरोपी बनाया जाता था। हालांकि, अब ऐसे अपराधियों को धारा 101 के तहत सजा मिलेगी। नए कानून के अनुसार, हत्या की धारा को अध्याय 6 में मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध कहा जाएगा।

धारा 307: नए कानून के अस्तित्व में आने से पहले हत्या करने के प्रयास में दोषी को आईपीसी की धारा 307 के तहत सजा मिलती थी। अब ऐसे दोषियों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 के तहत सजा सुनाई जाएगी। इस धारा को भी अध्याय 6 में रखा गया है।

धारा 376: दुष्कर्म से जुड़े अपराध में सजा को पहले आईपीसी की धारा 376 में परिभाषित किया गया था। भारतीय न्याय संहिता में इसे अध्याय 5 में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में जगह दी गई है। नए कानून में दुष्कर्म से जुड़े अपराध में सजा को धारा 63 में परिभाषित किया गया है। वहीं सामूहिक दुष्कर्म को आईपीसी की धारा 376 डी को नए कानून में धारा 70 में शामिल किया गया है।

धारा 399: पहले मानहानि के मामले में आईपीसी की धारा 399 इस्तेमाल की जाती थी। नए कानून में अध्याय 19 के तहत आपराधिक धमकी, अपमान, मानहानि, आदि में इसे जगह दी गई है। मानहानि को भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 में रखा गया है।

धारा 420: भारतीय न्याय संहिता में धोखाधड़ी या ठगी का अपराध 420 में नहीं, अब धारा 316 के तहत आएगा। इस धारा को भारतीय न्याय संहिता में अध्याय 17 में संपत्ति की चोरी के विरूद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

19 mins ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

29 mins ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

2 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

4 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

5 hours ago