बैंकिंग इंडस्ट्री के दिग्गज एन वाघुल का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वे 88 वर्ष के थे। वघुल ने बैंकिंग उद्योग में कई शीर्ष पदों पर काम किया। उन्हें आईसीआईसीआई को एक सार्वजनिक वित्त संस्थान से एक निजी क्षेत्र के बैंक में बदलने का श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा वह महज 44 साल की उम्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बन गए थे।
उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक में एक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था। साल 1960 में नौकरी छोड़ दी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग मैनेजमेंट में पढ़ाने लगे। दो साल के अंदर वह पुणे के इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर बन गए।
एन.वघुल ने बैंकिंग सेक्टर में वापसी की और 1981 में 44 साल की उम्र में बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बने थे। हालांकि, उन्हें जल्द ही आईसीआईसीआई के सीएमडी के रूप में नियुक्त किया गया था। एन वाघुल 1985 से 11 वर्षों तक आईसीआईसीआई के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रहे हैं। आर्थिक उदारीकरण के बाद देश में उभरे फाइनेंशियल सुपरमार्केट्स का अगुआ वघुल को ही माना जाता है। इसके बाद ही बैंकिंग सेक्टर के कई बैंकों ने कई फाइनेंशियल सर्विस में विस्तार किया है।
उन्हें 2006 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। बैंकिंग के अलावा उन्होंने कॉर्पोरेट फिलेंथ्रॉफी से जुड़े कई काम किए और प्रथम नाम की संस्था से जुड़े, जो शिक्षा पर काम करती है।
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