सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ताजा वित्तीय नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2022-23 की तीसरी तिमाही के दौरान ऋण वृद्धि प्रतिशत के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बैंक के रूप में उभरा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) के नवीनतम तिमाही आंकड़ों के अनुसार, पुणे स्थित ऋणदाता ने साल-दर-साल आधार पर सकल ऋण में 21.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
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कोविड-19 के दबाव के बावजूद बैंक ने पिछली 10 तिमाहियों से लगातार प्रतिशत के लिहाज से ऋण वृद्धि के मामले में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की वृद्धि दर 19.80 प्रतिशत रही। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अग्रिम वृद्धि में 16.91 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चौथे स्थान पर रहा। हालांकि, एसबीआई का कुल ऋण 17 गुना बढ़कर 26,47,205 करोड़ रुपये हो गया, जबकि बीओएम का कुल ऋण 1,56,962 करोड़ रुपये था।
खुदरा-कृषि-एमएसएमई (रैम) ऋण के संदर्भ में, बीओएम ने वार्षिक आधार पर 19.18 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर्ज की है, इसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक 19.07 प्रतिशत और बैंक ऑफ बड़ौदा 18.85 प्रतिशत के साथ है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रकाशित तिमाही वित्तीय आंकड़ों के अनुसार जहां तक सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) और शुद्ध एनपीए का सवाल है, बीओएम और एसबीआई सबसे निचले चतुर्थक में थे।
बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई द्वारा रिपोर्ट किया गया सकल एनपीए 31 दिसंबर, 2022 तक उनके कुल अग्रिम का क्रमशः 2.94 प्रतिशत और 3.14 प्रतिशत था। इन दोनों बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर क्रमश: 0.47 प्रतिशत और 0.77 प्रतिशत रह गया।
पूंजी पर्याप्तता अनुपात के संबंध में, बीओएम ने 17.53 प्रतिशत दर्ज किया, जो पीएसबी में सबसे अधिक है, इसके बाद केनरा बैंक 16.72 प्रतिशत और इंडियन बैंक 15.74 प्रतिशत है।
जहां तक जमा वृद्धि का सवाल है, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 14.50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया, इसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 13.48 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर रहा। आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही के दौरान पीएसबी के बीच कुल जमा वृद्धि के मामले में बीओएम तीसरे स्थान पर रहा।
कुल कारोबार वृद्धि के लिहाज से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने तीसरी तिमाही के दौरान सबसे अधिक 16.07 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसके बाद बीओएम ने वार्षिक आधार पर 15.77 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दूसरा स्थान हासिल किया और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 15.23 प्रतिशत के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने दिसंबर 2022 को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान 65 प्रतिशत की मजबूत लाभ वृद्धि दर्ज की है, जो 29,175 करोड़ रुपये है, जिसमें लाभ में प्रतिशत वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा है।
बैंक द्वारा घोषित तिमाही परिणामों के अनुसार दिसंबर 2022 के अंत में कंपनी का मुनाफा 139 प्रतिशत बढ़कर 775 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद कोलकाता स्थित यूको बैंक का स्थान रहा जिसने 653 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की तुलना में 110 प्रतिशत अधिक है।
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