“आयुष” चिकित्सा के पांच पारंपरिक और पूरक प्रणालियों, अर्थात् आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लिए संक्षिप्त नाम के रूप में लोकप्रिय हो गया है और सफलतापूर्वक सभी सरकारी संचारों में अपनाया और उपयोग किया जा रहा है. निर्णय इस संबंध में आयुष मंत्रालय से एक प्रस्ताव का अनुसरण करता है.
भारत में कॉफी बागान एक वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, जो जैव-विविधता संरक्षण,…
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द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन 2025 का औपचारिक शुभारंभ 17 दिसंबर 2025 को…
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