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Axiom-4 Mission: भारत के शुभांशु शुक्ला का स्पेस मिशन फिर टला, 22 जून को भरेंगे उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की विशेषता वाले एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) को एक्सिओम स्पेस द्वारा घोषित 22 जून, 2025 तक पुनर्निर्धारित किया गया है। यह समायोजन नासा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के रूसी खंड में चल रहे रखरखाव के मूल्यांकन के बाद किया गया है। यह मिशन, जिसमें भारत, पोलैंड, हंगरी और संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, ISS के लिए चौथा निजी चालक दल मिशन है और वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत के लिए एक बड़ा कदम है।

क्यों चर्चा में है?

एक्सियोम स्पेस और इसरो (ISRO) ने घोषणा की है कि Axiom Mission 4 (Ax-4) को अब 22 जून 2025 को लॉन्च किया जाएगा। यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के रूसी खंड Zvezda मॉड्यूल में चल रहे रखरखाव के मूल्यांकन के बाद लिया गया है। इस मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। भारत के लिए यह मिशन निजी मानव अंतरिक्ष उड़ान में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

मिशन का संक्षिप्त विवरण

  • मिशन नाम: Axiom Mission 4 (Ax-4)

  • नई लॉन्च तिथि: 22 जून 2025

  • लॉन्च वाहन: SpaceX Falcon 9

  • अंतरिक्ष यान: ड्रैगन कैप्सूल

  • लॉन्च स्थल: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (संभावित)

  • गंतव्य: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)

अंतरिक्ष यात्री दल

नाम देश भूमिका
पैगी व्हिटसन अमेरिका मिशन कमांडर (अनुभवी NASA अंतरिक्ष यात्री)
शुभांशु शुक्ला भारत पायलट (ISRO से संबद्ध; पहली उड़ान)
स्लावोश उज़नांस्की पोलैंड मिशन विशेषज्ञ
तिबोर कापू हंगरी मिशन विशेषज्ञ

मुख्य उद्देश्य

  • ISS पर वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करना

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना, विशेषकर निजी अंतरिक्ष अभियानों में

  • निजी मानव अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा देना

  • भारत की उपग्रह कक्षा (LEO) में वैश्विक भूमिका को सशक्त बनाना

पृष्ठभूमि और स्थैतिक जानकारी

  • Axiom Space: अमेरिका स्थित निजी अंतरिक्ष कंपनी, जो ISS के लिए वाणिज्यिक मिशनों का आयोजन करती है।

  • यह NASA और Axiom के बीच चौथा निजी मिशन है।

  • शुभांशु शुक्ला इस मिशन के साथ निजी अंतरिक्ष उड़ान पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।

  • ISRO की भूमिका: प्रशिक्षण, वैज्ञानिक प्रयोग और मिशन समन्वय में सहयोग।

पुनर्निर्धारण का कारण

  • ISS के Zvezda मॉड्यूल में हालिया मरम्मत

  • जिन बिंदुओं का मूल्यांकन किया गया:

    • ISS की तैयारी स्थिति

    • मौसम परिस्थितियाँ

    • क्रू का स्वास्थ्य (क्वारंटीन के दौरान)

    • लॉन्च यान व यान की तकनीकी स्थिति

महत्व और प्रभाव

  • भारत की निजी वाणिज्यिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों में गहराई से भागीदारी को दर्शाता है

  • NASA, ISRO, और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ाता है

  • भारत के गगनयान और भावी LEO मिशनों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है

  • सरकार-निजी भागीदारी के युग में भारत को आगे लाने में सहायक

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