पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 16 अगस्त को 5वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर पूर्व पीएम के समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही समाधि स्थल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। बता दें कि भारतीय राजनीति के अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्होंने अपने X (ट्विटर) हैंडल पर लिखा,”भारत के 140 करोड़ भारतीय के साथ मिलकर मैं अतुलनीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आपके नेतृत्व से देश को काफी लाभ हुआ। देश के विकास को नई बुलंदियों तक पहुंचाने और 21वीं शताब्दी में हर सेक्टर में देश को आगे ले जाने में आपकी अहम भूमिका थी।”
भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा दशकों तक चली, जिसके दौरान वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। उनके नेतृत्व में अर्थशास्त्र से लेकर अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तक विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि और विकास का युग आया। प्रधान मंत्री के रूप में वाजपेयी के कार्यकाल की विशेषता सुशासन, आर्थिक सुधार और विदेश नीति पहल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता थी जिसने भारत के वैश्विक कद को ऊंचा किया।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर के में 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपोयी स्कूल में अध्यापक थे। उनकी शुरुआती शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में फिर हुई थी। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) से हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में बीए, और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन से ही अटल जीने राजनीतिक विषयों पर वाद विवाद प्रतियोगिताओं आदि में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने लगातार दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री के रूप में काम किया और देश के राजनीतिक परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव छोड़ा।
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