असम सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और जगीरोड इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम बदलकर रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी कर दिया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घोषणा को सार्वजनिक किया। इस कदम का उद्देश्य असम में उद्योगपति रतन टाटा के योगदान को सम्मानित करना है, जिन्होंने टाटा समूह के माध्यम से राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई है।
इस घोषणा से टाटा समूह और असम के गहरे औद्योगिक और आर्थिक संबंधों को भी उजागर किया गया है। यह निर्णय फरवरी 2025 में आयोजित “एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट समिट” के बाद लिया गया, जहां टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने असम के साथ रतन टाटा के मजबूत जुड़ाव को रेखांकित किया था।
| सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | असम ने इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी का नाम रतन टाटा के नाम पर रखा |
| परियोजना का नाम | रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, जगIROड |
| स्थान | जगीरोड, असम |
| घोषणा करने वाला | असम राज्य मंत्रिमंडल |
| नामकरण का कारण | असम के औद्योगिक विकास में रतन टाटा के योगदान को सम्मान देना |
| टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का निवेश | ₹27,000 करोड़ सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट फैसिलिटी के लिए |
| चिप उत्पादन क्षमता | 48 मिलियन चिप्स प्रति दिन |
| रोजगार सृजन | 30,000 नौकरियाँ सेमीकंडक्टर क्षेत्र में + 30,000 नौकरियाँ मोबाइल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में |
| असम में टाटा की उपस्थिति | 55,000+ कर्मचारी, 17 कैंसर अस्पताल, 21 संपत्तियाँ चाय उद्योग में |
| आर्थिक प्रभाव | वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना, भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को मजबूत करना, रोजगार बढ़ाना |
| सरकार की दृष्टि | असम को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना |
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