आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दो दिवसीय कार्यक्रम (25 और 26 सितंबर 2023) के दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञानवर्धक चर्चाओं और विचार-विमर्श का आयोजन होगा।
आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया मुख्य भाषण देंगे। एबी पीएम-जय के कार्यान्वयन की पांचवीं वर्षगांठ और एबीडीएम के कार्यान्वयन की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), श्री सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उपस्थित रहेंगे।
राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल, 25 सितंबर 2023 को निर्धारित उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) डॉ. भारती प्रविण पवार वर्चुअल रुप से अपना संबोधन देंगी। इस कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ-साथ शिक्षा, थिंक-टैंक, उद्योग और मीडिया के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी होगी।
23 सितंबर 2018 को लॉन्च किए गए आयुष्मान भारत पीएम-जय ने स्वास्थ्य, उत्पादकता और समृद्धि की नई गाथा लिखी है। इस योजना के 5.5 करोड़ लाभार्थी नि: शुल्क अस्पतालों में भर्ती हुए जिस पर सरकार द्वारा 69,000 करोड़ रुपये मूल्य का व्यय किया गया। इस योजना ने न केवल करोड़ों गरीबों और वंचित परिवारों के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित किया है, बल्कि उनके परिवारों को स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले विनाशकारी व्यय से भी बचाया है।
27 सितंबर 2021 को लॉन्च की गई एबीडीएम सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मार्ग बनाना है। पिछले 2 वर्षों में 45 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाए गए हैं। इसके अलावा, 30 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड इन एबीएचए खातों से जुड़े हुए हैं। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना है।
दोनों प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं का लक्ष्य भारत में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए सुलभ, उपलब्ध, किफायती और स्केलेबल स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। आरोग्य मंथन में एबी पीएम-जय और एबीडीएम के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक पैनल चर्चा और इंटरैक्टिव सत्र होंगे। उद्घाटन सत्र के बाद ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज, कन्वर्जेंस और डिजिटल हेल्थ’ पर एक पूर्ण सत्र होगा, इसके अलावा दो प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित विभिन्न सत्र होंगे।
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