भारतीय सेना ने हाल ही में अहमदाबाद कैंट में सैनिकों के लिए अपनी पहली 3-डी प्रिंटेड हाउस ड्वेलिंग यूनिट का उद्घाटन किया। ये दो मंजिला इमारत है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लेटेस्ट 3D रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी को शामिल करते हुए आवास इकाई का निर्माण मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (MES) ने MiCoB Pvt Ltd के सहयोग से किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 3डी प्रिंटेड नींव, दीवारों और स्लैब का उपयोग करके गैराज के साथ ही 71 वर्गमीटर की आवासीय यूनिट को बनाया गया है। ये काम सिर्फ 12 सप्ताह में पूरा किया गया है।
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ये आपदा-प्रतिरोधी संरचना है, जो जोन-3 में आन वाले भूकंप के झटकों को सह सकती है। इस इमारत के निर्माण में हरित भवन की शर्तों का पालन किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि 3-डी प्रिंटेड घर वर्तमान समय में तेजी से निर्माण प्रयासों को पूरा करने के प्रतीक हैं। ये सशस्त्र बलों के कर्मचारियों की बढ़ती आवास जरूरतों को कम समय में पूरा करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि इन संरचनाओं को वर्तमान में एक साल की अवधि के लिए मान्य किया जा रहा है। सभी तरह के इलाकों में इसे बनाया जा सकता है। हाल ही में लद्दाख में इसका निर्माण किया जा रहा है। ये ढांचा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देने में भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
3डी प्रिंटेड घर बनाने की प्रक्रिया पारंपरिक निर्माण से काफी अलग है साथ ही ये तेज भी है। इसमें संरचना को एक विशेष कंक्रीट मिश्रण का उपयोग करके प्रिंट किया जाता है। जिसके माध्यम से बड़े पैमाने पर 3डी संरचनाएं बनाई जाती है। कंक्रीट मिश्रण साधारण सीमेंट का आधार होता है जिसमें पानी-सीमेंट का अनुपात कम होता है। जबकि कंक्रीट इस परियोजनाओं के लिए मुख्य सामाग्री है।
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