सेना ने चीन सीमा पर उन्नत ड्रोन रोधी रक्षा प्रणालियाँ तैनात कीं


भारत घरेलू स्तर पर विकसित इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडी एंड आईएस) के साथ अपनी उत्तरी सीमाओं को मजबूत करता है।

चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते तनाव के जवाब में, भारतीय सेना ने अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि शुरू की है। इस रणनीतिक युद्धाभ्यास के केंद्र में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के सहयोग से घरेलू स्तर पर विकसित अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडी एंड आईएस) की तैनाती है।

मार्क-1 वेरिएंट आईडीडी एंड आईएस: स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाना

  • सहयोगात्मक प्रयास: डीआरडीओ और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा संयुक्त रूप से विकसित, मार्क-1 वैरिएंट आईडीडी एंड आईएस भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी में एक मील का पत्थर दर्शाता है।
  • बहुस्तरीय दृष्टिकोण: ये सिस्टम शत्रुतापूर्ण ड्रोन के खिलाफ एक बहुस्तरीय रक्षा तंत्र प्रदान करते हैं, जिसमें लेजर का उपयोग करके “हार्ड किल” उपायों के साथ जैमिंग तकनीक का संयोजन होता है, जिससे व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

आईडीडी एवं आईएस की परिचालन क्षमताएं

  • जैमिंग तकनीक: 2 से 5 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को बाधित करने में सक्षम, संभावित खतरों के खिलाफ तत्काल जवाबी उपाय प्रदान करने में सक्षम।
  • लेजर-आधारित अवरोधन: उच्च-ऊर्जा लेजर का उपयोग करके, सिस्टम मजबूत रक्षा क्षमताओं को सुनिश्चित करते हुए, 800 मीटर से अधिक दूरी से ड्रोन को बेअसर कर सकता है।

तैनाती और विस्तार योजनाएँ

  • प्रारंभिक तैनाती: सेना वायु रक्षा (एएडी) नेटवर्क को बढ़ाते हुए, सात आईडीडी और आईएस इकाइयों को रणनीतिक रूप से सीमा पर तैनात किया गया है।
  • भविष्य में रोलआउट: यह तैनाती एक व्यापक रोलआउट योजना के पहले चरण को चिह्नित करती है, जिसके बाद के पुनरावृत्तियों में बढ़ी हुई सीमा सुरक्षा के लिए विस्तारित अवरोधन रेंज की सुविधा होने की उम्मीद है।

डीआरडीओ द्वारा निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणालियों की निरंतर खोज

  • नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता: डीआरडीओ उभरते ड्रोन खतरों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव और उच्च ऊर्जा लेजर सहित उन्नत निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणालियों का विकास कर रहा है।
  • ड्रोन झुंडों के खिलाफ सुरक्षा: इन प्रणालियों को देश की रक्षा तैयारी सुनिश्चित करते हुए संभावित ड्रोन झुंडों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

 

 

FAQs

विश्व क्षय दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?

24 मार्च को हर साल विश्व क्षय दिवस मनाया जाता है।

prachi

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