भारत की प्रमुख मोटरस्पोर्ट्स प्रतियोगिता — MRF MMSC FMSCI इंडियन नेशनल कार रेसिंग चैंपियनशिप 2025 — का पहला चरण कोयंबटूर के करी मोटर स्पीडवे में संपन्न हुआ, जिसमें MRF F2000, फॉर्मूला 1600 और ट्यूरिंग कार्स जैसी प्रमुख श्रेणियों में उभरती हुई युवा प्रतिभाओं ने दमदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में किशोर रेसर्स के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जो भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करती है।
पृष्ठभूमि
MRF MMSC FMSCI नेशनल चैंपियनशिप भारत की प्रमुख रेसिंग श्रृंखला है, जिसे हर वर्ष देश के प्रमुख रेस ट्रैकों पर आयोजित किया जाता है। यह आयोजन मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब (MMSC) द्वारा FMSCI (फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स ऑफ इंडिया) के तत्वावधान में किया जाता है। यह चैंपियनशिप पेशेवर और शौकिया रेसर्स को ओपन-व्हील फॉर्मूला रेसिंग, ट्यूरिंग कार्स और वोक्सवैगन पोलो कप जैसी विभिन्न श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा का मंच प्रदान करती है।
युवा प्रतिभाओं की चमकदार प्रस्तुति
2025 सीज़न के उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण 16 वर्षीय दो रेसरों पर रहा: बेंगलुरु के ईशान मदेश और पुणे के अर्जुन छेड़ा, जिन्होंने एमआरएफ फॉर्मूला 2000 रेस में बराबरी की जीत हासिल की। अर्जुन ने इससे पहले शनिवार को रेस-1 जीती थी, जबकि ईशान ने रविवार को रेस-2 जीती थी। इन दोनों का प्रदर्शन जेन-जेड रेसर्स के एलीट मोटरस्पोर्ट में मज़बूत प्रवेश को दर्शाता है।
MRF फॉर्मूला 1600 वर्ग में भी बेंगलुरु के अर्जुन नायर (20 वर्ष) और नाइजेल अब्राहम थॉमस (19 वर्ष) ने एक-एक रेस जीतकर आयोजन में युवा ऊर्जा का भरपूर प्रदर्शन किया।
विविध वर्गों की प्रमुख झलकियाँ
फॉर्मूला LGB 1300: 15 वर्षीय भुवन बोनू (बेंगलुरु) ने ओपन और जूनियर दोनों श्रेणियों में जीत दर्ज की, और भविष्य के राउंड्स के लिए एक प्रबल दावेदार के रूप में उभरे।
इंडियन ट्यूरिंग कार्स: मुंबई के बीरेन पिठावाला ने रेस-3 जीतकर अर्जुन बालू की हैट्रिक रोक दी, जिन्हें तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
इंडियन जूनियर ट्यूरिंग कार्स: बेंगलुरु के ऋत्विक थॉमस ने तीनों रेस जीतकर क्लास में दबदबा बनाया।
सुपर स्टॉक क्लास: श्रीलंका के केसरा गोदागे ने दो रेसें जीतीं, जबकि गुवाहाटी के कृषनु दत्ता भुयान ने एक रेस में जीत दर्ज की।
वोक्सवैगन पोलो कप: नोएडा के अमन नागदेव और मुंबई के आदित्य पटनायक ने एक-एक जीत हासिल की, वहीं प्रतीक सोनवणे लगातार पोडियम पर बने रहे।
इस आयोजन ने न केवल युवाओं की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि भारत के मोटरस्पोर्ट्स परिदृश्य में आने वाले समय की झलक भी पेश की।
महत्त्व और प्रभाव
चैंपियनशिप के इस राउंड ने भारतीय मोटरस्पोर्ट्स में युवा ड्राइवरों की बढ़ती उपस्थिति को प्रमुखता से उजागर किया। इन युवा रेसर्स की सफलता यह दर्शाती है कि भारत में रेसिंग के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण और प्रतिभा विकास मजबूत हो रहा है। साथ ही, यह संकेत भी मिलता है कि भारतीय रेसर्स अंतरराष्ट्रीय मोटरस्पोर्ट्स मंचों पर भी प्रतिस्पर्धा करने की पूरी क्षमता रखते हैं।
इसके अतिरिक्त, श्रीलंका और गुवाहाटी जैसे क्षेत्रों के ड्राइवरों की उल्लेखनीय परफॉर्मेंस इस आयोजन की समावेशिता और दूरदराज़ क्षेत्रों तक इसकी पहुँच को भी दर्शाती है। यह न केवल प्रतियोगिता की व्यापकता को बढ़ाता है, बल्कि दक्षिण एशिया में मोटरस्पोर्ट्स संस्कृति के विकास को भी गति देता है।
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