आंध्र प्रदेश सरकार ने शहरी गरीब महिलाओं को डिजिटल सेवा प्रदाता बनने में मदद करने के लिए 30 जून, 2025 को ‘डिजी-लक्ष्मी’ नामक एक नई योजना शुरू की है। राज्य की योजना सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में 9,034 कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) स्थापित करने की है। यह डिजिटल रोज़गार और महिला-नेतृत्व वाले व्यवसायों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डिजी-लक्ष्मी योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को लघु उद्यमी बनाना है। इस योजना के तहत ये महिलाएं डिजिटल कियोस्क (जिसे एटम कियोस्क – ATOM Kiosks कहा जाता है) संचालित करेंगी, जहां लोग 250 से अधिक सरकारी सेवाएं जैसे बिल भुगतान, प्रमाणपत्र, और विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना ‘एक परिवार, एक उद्यमी’ (One Family, One Entrepreneur – OF-OE) पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।
इन सेवा केंद्रों को चलाने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होंगी:
उम्र 21 से 40 वर्ष के बीच हो
स्थायी रूप से विवाहित और उसी क्षेत्र में निवासित हों
कम से कम 3 वर्षों से सक्रिय SHG सदस्य रही हों
स्नातक डिग्री प्राप्त हो और बुनियादी तकनीकी ज्ञान हो
इन महिलाओं को MEPMA (Mission for Elimination of Poverty in Municipal Areas) द्वारा प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी। उन्हें ₹2 लाख से ₹2.5 लाख तक का ऋण लेकर कियोस्क शुरू करने की सुविधा भी दी जाएगी।
इस योजना को नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग (MA&UD) द्वारा लॉन्च किया गया है। इसका सरकारी आदेश G.O. MS. No. 117 एस. सुरेश कुमार, प्रमुख सचिव द्वारा जारी किया गया। योजना के संचालन की जिम्मेदारी MEPMA के मिशन निदेशक को सौंपी गई है।
ये केंद्र न केवल जनता को सेवाएं देंगे, बल्कि शहरी गरीब महिलाओं के लिए डिजिटल रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगे। इसका उद्देश्य है कि SHG की महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और महिला-नेतृत्व वाले लघु व्यवसायों को शहरों और कस्बों में बढ़ावा मिले।
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