अमित शाह ने ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने 14 जुलाई को मध्य प्रदेश के इंदौर से राज्य के सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री सुश्री सावित्री ठाकुर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 486 करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस का शुभारंभ सिर्फ नाम बदलने का कार्यक्रम नहीं है। इसके सारे ‘पैरामीटर्स’ और ‘क्राइटेरिया’ पूरा करने के बाद ही सभी 55 कॉलेज प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त करने के योग्य बने हैं। उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में कंपार्टमेंटल शिक्षा नहीं होगी बल्कि छात्रों को मूल विषय के साथ ही अपनी रुचि के अन्य विषय पढ़ने की भी छूट होगी।

55 प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज

श्री अमित शाह ने कहा कि आज उद्घाटित की गई 55 प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज स्टूडेंट्स को बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर विज्ञान, संस्कृति, कला आदि जैसे कई विषयों में उनके रुचि के अनुसार अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेंगे।

एजुकेशन हब बनना

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इंदौर को अब तक कॉटन हब और स्वच्छता हब माना जाता था, लेकिन अब यह एजुकेशन हब बनने की ओर भी अग्रसर है। उन्होंने कहा कि इंदौर फार्मा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में आगे बढ़ रहा है।

वाणिज्य और अन्य छात्रों के लिए

गृह मंत्री ने उदाहरण दिया कि कला या भाषा में रुचि रखने वाला वाणिज्य का छात्र एक साथ इन विषयों का अध्ययन कर सकता है। यहां तक कि अगर कोई कॉमर्स का छात्र है और टेक्नोलॉजी में रुचि रखता है, तो वह अपनी रुचि के अनुसार डिप्लोमा कोर्स कर सकता है। यदि कोई छात्र बीए करना चाहता है और विज्ञान विषय में भी रुचि रखता है, तो वह उस विषय में डिप्लोमा कर सकता है।

नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए

इन सभी कॉलेजों में बी.एड और बी.एस.सी एग्रीकल्चर जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। बी.एस.सी एग्रीकल्चर जैसे पाठ्यक्रम के कारण युवा कृषि के साथ जुड़ेंगे और इससे स्वरोजगार के बहुत सारे नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से  डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज को आईआईटी दिल्ली और कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से जोड़ने का काम किया गया है। मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी की पुस्तकों का केंद्र भी सभी 55 कॉलेजों में शुरू किया गया है।

नई शिक्षा नीति, 2020

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी देशवासियों के सामने आज़ादी के 100 साल पूरे होने पर 2047 तक भारत को विश्व में हर क्षेत्र में प्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे भारत का निर्माण शिक्षा की नींव मजबूत किए बिना नहीं हो सकता। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दूरदर्शिता के साथ, आने वाले 25 सालों की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखकर नई शिक्षा नीति लाने का काम किया। नई शिक्षा नीति आने वाले 25 साल तक भारत के विद्यार्थियों को विश्व भर के विद्यार्थियों के साथ स्पर्धा करने के योग्य बनाएगी, वहीँ दूसरी ओर विद्यार्थियों को हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति और भाषाओं के साथ जोड़ने का काम भी करेगी।

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य

मध्य प्रदेश को गर्व है कि यह नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश देशभर में एकमात्र राज्य रहा है जिसने इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान के पाठ्यक्रमों का अनुवाद अपनी मातृभाषा में किया। इससे कई गरीब बच्चों को इसने फायदा पहुंचाया है ताकि वे अपनी मातृभाषा में चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

नई शिक्षा नीति के जरिये विद्यार्थियों में ‘ऑर्थोडॉक्‍स थिंकिंग’ की जगह ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ सोचने की आदत विकसित करने पर जोर है। नई शिक्षा नीति में युवाओं को वोकेशनल और स्किल ट्रेनिंग देकर इंडस्ट्री और एकेडमिक्स के बीच गैप भरने का भी प्रयास किया गया है।

इंटरनेट की आज की पीढ़ी

मंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा एनालिटिक्स की पीढ़ी है और इसीलिए नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल, स्किल डेवलपमेंट, वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में भारत निश्चित तौर पर विश्व में सर्वप्रथम बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमारे सामने स्वतंत्रता के सौ वर्षावधि का लक्ष्य निर्धारित किया है।

 

 

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shweta

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