प्रधान मंत्री की यात्रा 24 जून को शुरू हुई. अपने दौरे के पहले चरण में, वह पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचे. वहां, भारत और पुर्तगाल ने दोहरे कराधान से बचने, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश, नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रशासनिक सुधार और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रो में ग्यारह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं.
अपने तीन राष्ट्रीय दौरे के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी पहुंचे. अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना और अमेरिका के दूतावास के प्रभारी मैरीके लॉस कार्लसन ने श्री मोदी का एंड्रयू वायुसेना बेस पर स्वागत किया में मिला. यू.एस.ए. के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प के साथ यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली मीटिंग थी. भारत और अमेरिका आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरता के खतरे से लड़ने में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए. प्रधान मंत्री के अनुसार, आतंकवादी संगठनों के संबंध में दोनों देश खुफिया-जानकारी के आदान-प्रदान करने पर सहमत हुए.
अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में, मोदी अमरीका यात्रा के बाद, नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम पहुंचे. नीदरलैंड ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, एनएसजी और अन्य बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण निकायों में भारत की प्रारंभिक प्रविष्टि का समर्थन किया है. हेग में प्रधान मंत्री मोदी और उनके डच समकक्ष मार्क रॉट्टे के बीच हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में नीदरलैंड ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया है. प्रधान मंत्री मोदी ने नीदरलैंड को अपने आर्थिक विकास में भारत का “natural partner” के रूप में वर्णित किया.
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