भारतीय भारोत्तोलन (Weightlifting) एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक उठा है। अजय बाबू वल्लुरी (Ajaya Babu Valluri) ने कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप 2025 (अहमदाबाद) में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया। इस उपलब्धि ने न केवल भारत के पदक तालिका में इज़ाफा किया, बल्कि उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (ग्लास्गो) के लिए क्वालीफाई भी करा दिया।
पुरुष 79 किग्रा वर्ग में अजय बाबू ने कुल 335 किलोग्राम (स्नैच + क्लीन एंड जर्क) भार उठाया।
उन्होंने महज़ 2 किलो के अंतर से मलेशिया के मुहम्मद एरी (333 किग्रा) को पीछे छोड़ा।
नाइजीरिया के अदे दापो अडेलके (306 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया।
यह रोमांचक मुकाबला अजय बाबू की ताक़त और दबाव में संतुलन बनाए रखने की क्षमता को दर्शाता है। वे भारतीय भारोत्तोलन के उभरते सितारों में शामिल हो गए हैं।
भारत का दबदबा इस चैम्पियनशिप में इन खिलाड़ियों ने और मज़बूत किया—
हरजिंदर कौर – महिलाओं के 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक (कुल 222 किग्रा)।
मीराबाई चानू – टोक्यो 2020 ओलंपिक रजत पदक विजेता ने महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। उनकी इस जीत से भी 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स का टिकट पक्का हुआ।
यह 30वाँ कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप है।
इसमें 31 देशों के 300 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
ऐसे में भारत का पदक प्रदर्शन और भी अहम हो जाता है।
अजय बाबू की जीत उनके करियर का बड़ा मील का पत्थर है और भारतीय भारोत्तोलन के लिए गर्व का क्षण।
यह सफलता दिखाती है कि भारत 2026 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए एक मज़बूत दावेदार होगा।
मीराबाई चानू जैसी दिग्गजों के पदचिन्हों पर चलते हुए, युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और भविष्य दोनों ही उज्ज्वल नज़र आते हैं।
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