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वायु सेना पूर्वोत्तर में पूर्वी आकाश अभ्यास करेगी

वायु सेना पूर्वोत्तर में पूर्वी आकाश अभ्यास करेगी |_3.1

भारतीय वायु सेना अपनी परिचालन तत्परता का आकलन करने के लिए बड़े पैमाने पर वायु अभ्यास प्रलय चलाएगी। महत्वपूर्ण अभ्यास भारत के पूर्वोत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास होगा, जिसमें वायु सेना की सभी महत्वपूर्ण इकाइयां शामिल होंगी।

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प्रमुख बिंदु

 

  • भारतीय वायु सेना विशाल कमांड-स्तरीय अभ्यास के लिए आने वाले दिनों में राफेल और सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान और अन्य विमानों जैसे महत्वपूर्ण युद्धक संसाधनों को तैनात करेगी।
  • हाल ही में पूर्वोत्तर में स्थानांतरित किए गए ड्रोन स्क्वाड्रन भी इस अभ्यास में भाग लेंगे।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय वायु सेना के ड्रोन स्क्वाड्रन की हालिया तैनाती ने सिलीगुड़ी और सिक्किम कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है। इन कॉरिडोर के साथ दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी करने की अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है।

 

अभ्यास का आयोजन फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले ‘पूर्वी आकाश’ नाम के एक अन्य वायु सेना अभ्यास की तैयारी के बीच हुआ है। भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, अभ्यास पूर्वी आकाश एक वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास है और COVID-19 महामारी के कारण दो साल के बाद आयोजित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में आयोजित होने वाले दोनों अभ्यास चल रहे सीमा तनाव के बीच भारत-चीन सीमा पर भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों का परीक्षण करेंगे।

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FAQs

वायु सेना का कार्य क्या है?

वायुसेना एक राष्ट्र की सैन्य संगठन की एक शाखा होती है जिसका मुख्य कार्य उस देश की वायु सुरक्षा, वायु चौकसी एव जरूरत होने पर वायु युद्ध करना होता है। इस सेन्य संगठन की संरचना थलसेना, नौसेना या अन्य शाखाओं से अलग और स्वतंत्र होती है।

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