अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने आयुष क्षेत्र में बीमा कवरेज और वैज्ञानिक अनुसंधान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संस्थान ने 10 अक्टूबर 2025 को बीमा और शैक्षणिक क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों की मेजबानी की, ताकि पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली से एकीकृत करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाया जा सके। इस बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श और साझेदारियाँ आयुष प्रणालियों—जिनमें आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं—को भारत की स्वास्थ्य एवं बीमा व्यवस्था में अधिक सुलभ, विश्वसनीय और नीतिगत रूप से संगठित बनाने की दिशा में केंद्रित थीं।
नीतिगत पहल
-
भारत के स्वास्थ्य नियामक निकायों ने बीमा योजनाओं में आयुष उपचारों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकें।
-
IRDAI के 2024 के निर्देशों के बाद अब देशभर में स्वास्थ्य बीमा नीतियों में आयुष कवरेज अनिवार्य किया जा रहा है।
-
संरचित नीतिगत समर्थन, दावा प्रबंधन (claim management), और पैनलिंग प्रक्रियाओं की आवश्यकता को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने विशेषज्ञ समितियाँ और क्रियान्वयन इकाइयाँ (Implementation Units) गठित की हैं — जिनमें AIIA में स्थापित इकाई भी शामिल है।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU)
-
AIIA ने आयुष बीमा संबंधी कार्यों के प्रबंधन के लिए एक समर्पित परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) स्थापित की है।
-
यह PMU एक केंद्रीय समन्वय केंद्र के रूप में कार्य करेगी, जो बीमा कंपनियों, अस्पतालों और सरकारी निकायों के बीच पारदर्शी और समयबद्ध समन्वय सुनिश्चित करेगी।
-
इसका उद्देश्य है — उपचार सत्यापन, दावे की प्रक्रिया और रोगी जागरूकता जैसी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, ताकि आयुष बीमा योजनाओं के लाभ जनता तक प्रभावी और समान रूप से पहुँच सकें।
मुख्य तथ्य
-
संस्थान: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA)
-
घोषणा: आयुष बीमा नीति के क्रियान्वयन हेतु PMU की स्थापना
-
तिथि: 10 अक्टूबर 2025 — आयुष बीमा और अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित
-
प्रमुख व्यक्ति:
-
प्रो. पी. के. प्रजापति (AIIA)
-
प्रो. बी. के. मिश्रा (आयुष इंश्योरेंस समूह)
-
डॉ. एस. श्रीवास्तव (MRIIRS)
-
-
मुख्य उद्देश्य:
-
बीमा एकीकरण (Insurance Integration)
-
जनजागरूकता बढ़ाना
-
आयुष क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करना
-


ओडिशा के दो समुद्र तटों को मिली अंतरराष्...
भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा पेटेंट फाइल...
भारत को बोत्सवाना से 8 चीते मिलेंगे: प्र...

