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एडीबी और भारत ने हिमाचल प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने हेतु 130 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

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भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 08 जून 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधा में सुधार करने और बागवानी कृषि व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए 130 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्य संवर्धन परियोजना के लिए भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव रजत कुमार मिश्रा और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के निदेशक ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किये।

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ADB, India Sign $130 Mn Loan To Promote Horticulture In Himachal Pradesh

किसानों की आजीविका में सुधार

 

परियोजना के कार्यान्वयन से राज्य के 7 जिलों – बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना – में कम से कम 15,000 कृषि परिवारों की आय बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में मदद मिलेगी। इन परिवारों ने सिंचाई सुविधाओं की कमी और जंगली व आवारा पशुओं द्वारा फसल की क्षति के कारण खेती करना बंद कर दिया है या अपने खेती के रकबे को कम कर दिया है।

 

सिंचाई के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना

 

यह परियोजना राज्य के जल शक्ति विभाग (जल संसाधन विभाग) और बागवानी विभाग (डीओएच) के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से नई सिंचाई योजनाओं के पुनरुद्धार या निर्माण तथा सूक्ष्म सिंचाई प्रबंधन के लिए डब्ल्यूयूए की क्षमता को मजबूत करके लगभग 6,000 हेक्टेयर कृषि भूमि में कृषि सिंचाई और जल प्रबंधन में सुधार करेगी।

 

बागवानी कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देना

 

यह परियोजना, उपोष्णकटिबंधीय बागवानी के बाजारों तक किसानों की पहुंच में सुधार के लिए एक इकोसिस्टम तैयार करने में भी मदद करेगी। किसानों को क्लस्टर आधारित सामुदायिक बागवानी उत्पादन और विपणन संघों (सीएचपीएमए) तथा जिला आधारित सीएचपीएमए सहकारी समितियों में संगठित किया जाएगा। सीएचपीएमए की शीर्ष संस्था, किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी), लाभ सुनिश्चित करने और उपोष्णकटिबंधीय बागवानी के बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यव्यापी कृषि व्यवसाय विकास का नेतृत्व करेगी। एफपीसी, व्यवसाय योजना विकास; कृषि व्यवसाय को बढ़ावा और छँटाई व पैकेजिंग सुविधाओं एवं भंडारण और संग्रह केंद्रों जैसी मूल्य-संवर्द्धन सुविधाओं के डिज़ाइन तैयार करने से जुड़े कार्य संभालेगी। यह इन सुविधाओं के प्रबंधन में सीएचपीएमए की सहायता भी करेगी।

 

जलवायु परिवर्तन के प्रति बढ़ती सहनशीलता

 

यह परियोजना पौधों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सार्वजनिक और निजी उपोष्णकटिबंधीय बागवानी नर्सरी सुविधाओं का आधुनिकीकरण करेगी एवं सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों तक लाभार्थी किसानों की पहुंच तथा वास्तविक-समय पर कृषि सलाह और बेहतर सीएचपीएमए प्रबंधन के लिए अन्य डिजिटल कृषि-प्रौद्योगिकी प्रणालियों को बढ़ावा देगी।

 

निष्कर्ष

 

इस परियोजना के माध्यम से भारत सरकार और एडीबी के बीच सहयोग हिमाचल प्रदेश में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और किसानों की आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सिंचाई, बागवानी कृषि व्यवसाय और जलवायु लचीलापन पर ध्यान केंद्रित करके, इस पहल का उद्देश्य खेतिहर परिवारों का उत्थान करना और क्षेत्र में स्थायी कृषि प्रणाली बनाना है।

 

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FAQs

हिमाचल प्रदेश का मुख्य फल कौन सा है?

यहाँ सेब का उत्पादन बहुत अधिक मात्रा में होता है इस कारण हिमाचल प्रदेश को 'सेब का राज्य' भी कहा जाता है।