एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने देश में पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत को 500 मिलियन डॉलर का वित्तीय मध्यस्थता ऋण मंजूर किया है। एडीबी ने 12 दिसंबर 2024 को इस ऋण को मंजूरी दी।
सार्वभौम गारंटी के साथ आईआईएफ़सीएल को ऋण
500 मिलियन डॉलर का ऋण भारत सरकार के स्वामित्व वाली इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफ़सीएल) को दिया गया है। ऋण पर सार्वभौम गारंटी है। इसका मतलब है कि अगर आईआईएफ़सीएल किसी कारण वश एडीबी को ऋण चुकाने में विफल रहता है, तो भारत सरकार आईआईएफ़सीएल की ओर से एडीबी को यह ऋण चुकाएगी।
ऋण राशि का उपयोग
आईआईएफसीएल ऋण राशि का उपयोग ग्रीनफील्ड (नई परियोजनाएं) और ब्राउनफील्ड (मौजूदा परियोजनाएं) दोनों प्रकार की टिकाऊ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को ऋण प्रदान करने के लिए करेगा। विशेष ध्यान कनेक्टिविटी और ऊर्जा परिवर्तन तथा शहरी परियोजनाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों के लिए वित्त प्रदान करने पर होगा। ऋण राशि का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हरित प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रथाओं को एकीकृत करने के लिए आईआईएफसीएल की संस्थागत क्षमता का निर्माण करने के लिए किया जाएगा।
भारत में जलवायु वित्तपोषण अंतर
एडीबी के अनुसार, भारत जलवायु परिवर्तन और बाढ़, सूखे और चक्रवात जैसे खतरों के कारण दुनिया की सबसे अधिक प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत को ऐसी चरम जलवायु-संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बुनियादी ढांचे में भारी मात्रा में निवेश करने की आवश्यकता है। हालांकि भारत को ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर के जलवायु वित्तपोषण के कमी का सामना करना पड़ रहा है।
आईआईएफ़सीएल के बारे में
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफ़सीएल) भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसकी स्थापना 2006 में की गई थी। यह भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी-गैर जमा लेने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (NBFC-ND-IFC) के रूप में पंजीकृत है।
विवरण | विवरण |
समाचार में क्यों? | ADB ने भारत में सोलर रूफटॉप और हरित बुनियादी ढांचे के लिए $500 मिलियन की मंजूरी दी। |
ऋण राशि | $500 मिलियन: ADB से $330 मिलियन, क्लीन टेक्नोलॉजी फंड से $170 मिलियन। |
लक्ष्य | राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 2022 तक 40 GW सोलर रूफटॉप क्षमता का लक्ष्य। |
हरित बुनियादी ढांचा | बाढ़, सूखा, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए जलवायु-लचीला बुनियादी ढांचा। |
IIFCL की भूमिका | ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शहरी विकास में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण। |
राज्य संस्थाएं | – पंजाब नेशनल बैंक (PNB): सोलर रूफटॉप परियोजनाओं के लिए ADB फंड का वितरण। |
– इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL): बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक पूंजी प्रबंधन। | |
वित्तीय विवरण | – कुल लागत: सोलर रूफटॉप निवेश कार्यक्रम के लिए $1 बिलियन। |
– अतिरिक्त निवेश: $300 मिलियन इक्विटी, $200 मिलियन वाणिज्यिक ऋण। | |
जलवायु कार्रवाई लक्ष्य | – 2005 के स्तर से उत्सर्जन तीव्रता में 33% की कटौती। |
– 2030 तक 40% गैर-जीवाश्म ईंधन से बिजली। | |
वैश्विक जलवायु समझौते | भारत ने पेरिस समझौते की पुष्टि की। |
ADB की भूमिका और प्रतिबद्धता | – मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस। |
– स्थापना: 1966। | |
– सदस्य: 67 (48 एशिया से)। | |
– जलवायु के लिए वार्षिक वित्तपोषण: 2020 तक $6 बिलियन तक दोगुना करने की प्रतिबद्धता। |