भारत और अमेरिका ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर विचार

भारत और अमेरिका ने ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसका लक्ष्य न्यायसंगत और व्यवस्थित ऊर्जा परिवर्तन है। यह समझौता ह्यूस्टन में गैसटेक 2024 के दौरान भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन सहायक सचिव ज्योफ्रे पायट के बीच हुई बैठक में सामने आया। दोनों नेताओं ने अपने देशों की संस्थाओं और कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की, जिसमें पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक की मुख्य बातें

पुरी और पायट ने ऊर्जा सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और अपनी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर सहमति व्यक्त की। पुरी ने भारतीय और अमेरिकी संस्थानों और कंपनियों के बीच बढ़ते और गहरे होते सहयोग पर ध्यान दिया, जो ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत और विकसित होते द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है।

गैसटेक 2024 इनसाइट्स

पुरी ने गैसटेक 2024 में इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन किया, जिसमें भारतीय कंपनियों की नवीनतम तकनीकी प्रगति और भविष्य के निवेश के अवसरों को प्रदर्शित किया गया। उन्होंने वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता पर चर्चा करने वाले मंत्रिस्तरीय पैनल में भी भाग लिया, जिसमें भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में उभरते बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया। पुरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2045 तक वैश्विक ऊर्जा मांग में लगभग 80% वृद्धि उभरती अर्थव्यवस्थाओं से आएगी, जिसके लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी।

रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (SCEP)

इससे पहले, पुरी और अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम ने वाशिंगटन, डीसी में SCEP मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की। उन्होंने भागीदारी के तहत प्रगति की समीक्षा की, जो स्वच्छ ऊर्जा नवाचार, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव को तेज करने पर केंद्रित है। भागीदारी का उद्देश्य लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देना और स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

 

बैंक और वित्तीय संस्थाएं 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 32.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश करेंगी

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में करीब $386 बिलियन (₹32.45 लाख करोड़) का निवेश करने का वादा किया है। वे यह बात नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) और CII द्वारा आयोजित 4th RE-Invest समिट के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

यह वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने चौथे ‘विश्व नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन एवं प्रदर्शनी'(री-इन्वेस्ट) के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकारों ने 520 गीगावाट क्षमता की प्रतिबद्धता जताने वाले ‘संकल्प पत्र’ दिए हैं।

विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता

उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं ने सौर पैनल में 340 गीगावाट, सौर सेल में 240 गीगावाट, पवन चक्की में 22 गीगावाट और इलेक्ट्रोलाइज़र में 10 गीगावाट की अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता की प्रतिबद्धता जताई है। जोशी ने कहा कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा ग्रिड में कुल 32.45 लाख रुपये की निवेश प्रतिबद्धता जताई गई है।

उन्होंने कहा कि नवीन एवं पर्यावरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने उद्योग मंडल सीआईआई के साथ मिलकर इस सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 7,000 से अधिक लोगों ने शिरकत की। इसमें करीब 100 कंपनियों ने हिस्सा लिया।

जोशी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए जर्मन और डेनमार्क के राजनियकों के साथ हुए व्यापक विचार-विमर्श के बारे में भी बताया। उन्होंने दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक भारत-जर्मन मंच की शुरुआत के बारे में भी जानकारी दी।

छह गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ी

उन्होंने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अपने मंत्रालय की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि जून-अगस्त 2024 के दौरान 4.5 गीगावाट के लक्ष्य से अधिक छह गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि इस क्षमता में वृद्धि के साथ स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 207.76 गीगावाट तक पहुंच गई।

केंद्र ने प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स से ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों को पंजीकृत करने को कहा

भारत सरकार ने अनिवार्य कर दिया है कि प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर खुद को और अपने गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर शामिल करें, यह पहल असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुँच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। सामाजिक कल्याण लाभों तक श्रमिकों की पहुँच सुनिश्चित करने और लाभार्थियों की सटीक रजिस्ट्री बनाए रखने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।

ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य

ई-श्रम पोर्टल एक राष्ट्रव्यापी डेटाबेस के रूप में कार्य करता है जिसे असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पोर्टल पर पंजीकरण करके, श्रमिकों को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्राप्त होगा, जो प्रमुख लाभों तक पहुँच को सक्षम बनाता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ एक सलाह जारी की है जिसमें श्रमिकों के पंजीकरण और डेटा अपडेट सहित एग्रीगेटर्स की जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया है।

प्रक्रिया और दिशा-निर्देश

मंत्रालय ने कुछ एग्रीगेटर्स के साथ API एकीकरण का परीक्षण किया है और पंजीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। एग्रीगेटर्स को नियमित रूप से कर्मचारी विवरण अपडेट करना आवश्यक है, जिसमें रोजगार की स्थिति और भुगतान शामिल हैं। सटीक रिकॉर्ड सुनिश्चित करने के लिए उन्हें किसी भी कर्मचारी के बाहर निकलने की तुरंत रिपोर्ट भी करनी चाहिए। पंजीकरण और तकनीकी मुद्दों में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन (14434) स्थापित की गई है।

आगामी बैठक

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक निर्धारित है, जिसमें इस पहल पर एग्रीगेटर्स को शामिल करने और मार्गदर्शन देने का काम किया जाएगा।

गिग वर्कफोर्स सांख्यिकी

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गिग वर्कफोर्स 2020-21 में 77 लाख से बढ़कर 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2029-30 तक गिग वर्कर्स के गैर-कृषि कार्यबल का 6.7% हिस्सा बनने की उम्मीद है। गिग वर्कर्स को प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स में वर्गीकृत किया जाता है, जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं, और नॉन-प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स, जो कैजुअल वेज वर्कर हैं।

अगस्त में थोक मुद्रास्फीति घटकर 1.31 प्रतिशत पर

थोक मूल्य मुद्रास्फीति जुलाई के 2.04 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में घटकर 1.31 प्रतिशत रह गई। सरकार ने इसके आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार कमोडिटी और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण थोक मुद्रास्फीति चार महीनों में पहली बार 2 प्रतिशत से नीचे आ गई। 17 सितम्बर को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मुद्रास्फीति अगस्त माह में घटकर 1.31 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले महीने यह 2.04 प्रतिशत थी।

खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों, दालों और अनाजों में स्थिर मुद्रास्फीति और सेवा क्षेत्र की मुद्रास्फीति में वृद्धि ने उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों के इजाफे में योगदान दिया। अगर कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा स्तरों पर बनी रहीं तो थोक मुद्रास्फीति में और गिरावट आने की संभावना है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में जुलाई में 2.04 प्रतिशत थी। अगस्त 2023 में यह (-) 0.46 प्रतिशत रही थी।

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 8.93 प्रतिशत थी।

आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही।

नीतिगत दर लगातार नौवीं बार यथावत

पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही। यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।

देश का निर्यात अगस्त में 9.3 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा 10 महीनों के उच्च स्तर पर

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण अगस्त में देश के निर्यात में 13 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान निर्यात 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 10 महीनों के उच्चतम स्तर 29.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोने और चांदी के आयात में उल्लेखनीय उछाल आने से देश का आयात 3.3 प्रतिशत बढ़कर 64.36 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।

मुख्य बिंदु

  • पिछले महीने सोने का आयात दोगुने से अधिक बढ़कर 10.06 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 4.93 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन महीने में चांदी का आयात बढ़कर 72.7 करोड़ डॉलर हो गया, जो अगस्त 2023 में 15.9 करोड़ डॉलर था।
  • हालांकि पेट्रोलियम कीमतें गिरने से कच्चे तेल का आयात अगस्त में 32.38 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रह गया। कीमतों में गिरावट का असर देश के वस्तु निर्यात पर भी पड़ा है।
  • आयात और निर्यात के बीच का अंतर यानी देश का व्यापार घाटा अक्टूबर, 2023 में 30.43 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस साल जुलाई में देश के वस्तु निर्यात में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
  • चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में देश का निर्यात 1.14 प्रतिशत बढ़कर 178.68 अरब डॉलर हो गया जबकि इस दौरान आयात सात प्रतिशत बढ़कर 295.32 अरब डॉलर रहा।
  • इस तरह अप्रैल-अगस्त 2024 की अवधि में देश का व्यापार घाटा 116.64 अरब डॉलर था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 99.16 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव ने क्या कहा?

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में निर्यात एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि चीन में सुस्ती और यूरोपीय संघ एवं अमेरिका में मंदी की स्थिति निर्यात को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा तेल की कीमतों में गिरावट और लाल सागर संकट के कारण परिवहन लागत में वृद्धि से भी निर्यात पर असर पड़ रहा है।

हालांकि वाणिज्य सचिव ने कहा कि इन समस्याओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय निर्यात बढ़ाने के लिए अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में नए बाजारों की खोज पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके अलावा निर्यात बढ़ाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोत परिवहन और परिवहन जैसे 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों की भी पहचान की गई है।

 

हरियाणा ने जीडीपी में पंजाब को पीछे छोड़ा

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी- पीएम) के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक हो गया है और इसकी प्रति व्यक्ति आय 2023-24 में पंजाब के 106.7 प्रतिशत की तुलना में 176.8 प्रतिशत हो गई है।

बता दें कि पिछले कई दशकों में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। देश के पूर्वी हिस्से का विकास जहां चिंता का विषय बना हुआ है वहीं बंगाल को छोड़ अन्य समुद्र तटीय राज्यों ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां तक बिहार की बात है तो पिछले दो दशकों में उसकी स्थिति स्थिर रही है और वह अन्य राज्यों से काफी पीछे है।

पंजाब की जीडीपी में हिस्सेदारी

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसार पंजाब और हरियाणा कभी एक ही राज्य का हिस्सा थे। पंजाब की जीडीपी में हिस्सेदारी 1960 के दशक में मुख्य रूप से हरित क्रांति के चलते बढ़ी, लेकिन फिर 1990-91 तक लगभग 4.3 प्रतिशत पर स्थिर हो गई और फिर इसमें गिरावट शुरू हुई। अंततः 2023-24 में 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके विपरीत, हरियाणा का हिस्सा लगातार बढ़ता गया है और यह 2010-11 से अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है। 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत थी। इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि गुरुग्राम की सफलता हरियाणा की बढ़ती हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा हो।

बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में

1960-61 में बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरा सबसे बड़ा बोगदानकर्ता था वर्ष 2023-24 में उसकी हिस्सेदारी घटकर केवल 5.6 प्रतिशत रह गई है। इस पूरी अवधि में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार गिरी है। इतना ही नहीं बंगाल की प्रति व्यक्ति आय 1960- 61 में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 127.5 प्रतिशत थी, लेकिन 2023- 24 में प्रति व्यक्ति आय घटकर राष्ट्रीय औसत का 83.7 प्रतिशत यह गई। यह राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछले राज्यों से भी कम है।

यूपी और त्रिपुरा के सीएम ने किया सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने संयुक्त रूप से 16 सितंबर, 2024 को त्रिपुरा के बरकथाल में नवनिर्मित सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया। योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी त्रिपुरा के मोहनपुर के बरकथाल स्थित चित्त धाम में वेद विद्यालय की आधारशिला भी रखी।

मुख्यमंत्रियों की टिप्पणियाँ

योगी आदित्यनाथ का संबोधन

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश जैसी डबल इंजन वाली सरकारें यह सुनिश्चित करती हैं कि विकास कार्य जमीनी स्तर तक पहुँचें, जिससे विकसित और आत्मनिर्भर भारत में योगदान मिले। उन्होंने विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने में त्रिपुरा सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि लोगों का सहयोग बहुत ज़रूरी है। उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान करने में सनातन धर्म की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश की प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रही है।

डॉ. माणिक साहा का संबोधन

उन्होंने पिछले 35 वर्षों में त्रिपुरा में नास्तिकता के माहौल से हटकर वर्तमान सरकार के तहत धर्म पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने पर टिप्पणी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि सिद्धेश्वरी मंदिर, त्रिपुरेश्वरी मंदिर और चौदह देवता मंदिर जैसे मौजूदा स्थलों के साथ-साथ एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन जाएगा। उन्होंने चित्त रंजन महाराज के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 25 मंदिरों के निर्माण और आध्यात्मिक विषयों में लगभग एक हजार पांच छात्रों की शिक्षा की देखरेख की है।

उल्लेखनीय उपस्थितगण

उद्घाटन समारोह में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

  • सचिंद्र नाथ सिन्हा, विश्व हिंदू परिषद (VHP)
  • बिप्लब कुमार देब, पूर्व मुख्यमंत्री और TIPRA मोथा के संस्थापक
  • प्रोद्युत माणिक्य किशोर देब बर्मा, MDC
  • राजीब भट्टाचार्य, त्रिपुरा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
  • प्रणजीत सिंह रॉय, वित्त, योजना और समन्वय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
  • सुशांत चौधरी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, परिवहन और पर्यटन मंत्री
  • सुधांशु दास, एससी कल्याण, एआरडी, मत्स्य पालन मंत्री
  • पद्म श्री पुरस्कार विजेता चित्त रंजन देबबर्मा

वरिष्ठ IPS अधिकारी अमृत मोहन SSC प्रमुख नियुक्त

सरकारी सूत्रों के अनुसार, ओडिशा कैडर के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, अमृत मोहन को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया।

अमृत मोहन कौन हैं?

  • अमृत मोहन ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
  • वर्तमान में, केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं.
  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने श्री प्रसाद की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है एसएसबी के महानिदेशक के पद पर, उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2025 को उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि तक रहेगा.

इससे पहले, आईपीएस अधिकारी दलित सिंह चौधरी एसएसबी के महानिदेशक थे.

SSB के बारे में एसएसबी

  • एसएसबी अधिकारी या सशस्त्र सीमा बल अधिकारी नेपाल और भूटान के साथ भारत की सीमाओं की रखवाली के लिए जिम्मेदार है। 
  • मूल रूप से 1963 में स्थापित, सशस्त्र सीमा बल मुख्य रूप से देश और उसके क्षेत्रों की सीमाओं के भीतर सीमा पार अपराध और तस्करी के साथ-साथ अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को रोकने से संबंधित है।

संगठन संरचना

  • बल का सर्वोच्च स्तर का मुख्यालय बल मुख्यालय (FHQ) है,जिसे SSB का महानिदेशालय भी कहा जाता है, जो भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।
  • बल मुख्यालय (FHQ)की कमान महानिदेशक रैंक के अधिकारी के पास होती है।
  • महानिदेशक को अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
  • ऑपरेशन और खुफिया, कार्मिक और प्रशिक्षण, प्रशासन, प्रावधान और संचार, चिकित्सा, साथ ही अन्य सहित विभिन्न निदेशालय महानिदेशक के अधीन कार्य करते हैं।
  • प्रत्येक निदेशालय का नेतृत्व एक आईजी (महानिरीक्षक) करता है और एक डीआईजी (उप महानिरीक्षक) और अन्य अधिकारी उनकी सहायता करते हैं।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति क्या है

  • कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी)भारत सरकार के भीतर एक उच्च स्तरीय समिति है, जो केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में प्रमुख पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है.
  • 1950 में स्थापित, एसीसी की अध्यक्षता भारत के प्रधान मंत्री करते हैं और गृह मंत्री इसके सदस्य के रूप में शामिल हैं।
  • यह समिति भारत के प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कैबिनेट सचिव, रक्षा प्रमुख, भारत सरकार के सचिवों सहित विभिन्न शीर्ष पदों पर चयन और नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

अनमोल खरब ने बेल्जियम में जीता अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब

भारत की 17 वर्षीय अनमोल खरब ने बेल्जियम इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में डेनमार्क की अमाली शुल्ज को कड़े मुकाबले में हराकर महिला एकल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता।

अनमोल खरब कौन हैं?

  • 20 जनवरी, 2007 को हरियाणा के फरीदाबाद में जन्मीं अनमोल खरब ने कम उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था.
  • अनमोल खरब 16 साल की उम्र में महिला एकल राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन बन गईं और एक साल बाद, भारतीय महिला टीम के पीछे प्रेरक शक्ति साबित हुईं, जिसने मलेशिया में 2024 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता.

मैच के मुख्य अंश

  • 17 वर्षीय भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी, BWF में 222वें स्थान पर रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही डेनमार्क की विश्व में 80वें नंबर की खिलाड़ी अमाली शुल्ज को 59 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 24-22, 12-21, 21-10 से हराया.
  • सेमीफाइनल में अनमोल ने बुल्गारिया की 68वीं रैंकिंग की कालोयाना नलबांटोवा को 76 मिनट में 21-13, 24-26, 21-19 से हराया।

उनकी उपलब्धियां

  • 2019 में, 12 साल की उम्र में, अनमोल ने हैदराबाद में अंडर-17 ऑल इंडिया रैंकिंग खिताब जीता, जो उनका पहला राष्ट्रीय स्तर का खिताब था।
  • इसके अलावा भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के लिए चुना गया, जो उभरते एथलीटों को सहायता प्रदान करता है।
  • भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जो 2022 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है।
  • अनमोल जल्द ही अंडर-17 और 19 दोनों आयु समूहों में भारत की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई।
  • 2023 में सीनियर महिला एकल राष्ट्रीय चैंपियन
  • बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप 2024 में स्वर्ण पदक

विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

ऐश्वर्या राय ने जीता SIIMA 2024 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार

साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स (SIIMA) 2024 में ऐश्वर्या राय बच्चन ने मणिरत्नम की महाकाव्य “पोन्नियिन सेलवन 2” में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (आलोचक) पुरस्कार जीता हैं.

पुरस्कार के बाद ऐश्वर्या ने जताया आभार

  • मुझे पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए SIIMA का बहुत-बहुत धन्यवाद। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि यह फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब थी, पोन्नियिन सेलवन, जिसे मेरे गुरु मणिरत्नम ने निर्देशित किया था।
  • पोन्नियिन सेलवन में नंदिनी के रूप में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए मेरे काम का सम्मान करना वास्तव में पूरी टीम के काम का जश्न मनाना है।

किस साम्राज्य पर आधारित है

मणिरत्नम द्वारा निर्देशित पोन्नियिन सेलवन, एक उपन्यास पर आधारित है और चोल साम्राज्य के दैनिक जीवन पर फिल्माई गई है.

 SIIMA 2024 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के बारे में जानकारी

  • ऐश्वर्या राय बच्चन ने ‘पोन्नियिन सेलवन: II’ में दोहरी भूमिकाएँ निभाईं, जिसमें उन्होंने नंदिनी और मंदाकिनी देवी दोनों का किरदार निभाया।
  • मणिरत्नम द्वारा निर्देशित दो-भाग वाली यह फिल्म, कल्कि कृष्णमूर्ति के प्रसिद्ध तमिल उपन्यास ‘पोन्नियिन सेलवन’ का रूपांतरण है।
  • स्टार-स्टडेड कास्ट में कार्थी, जयम रवि, त्रिशा, जयराम, प्रभु, आर सरथकुमार, शोभिता धुलिपाला, ऐश्वर्या लक्ष्मी, विक्रम प्रभु, प्रकाश राज, रहमान और आर पार्थिबन भी शामिल थे।
  • ऐश्वर्या की जीत के अलावा, उनके सह-कलाकार चियान विक्रम को भी भारी उत्साह मिला, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (तमिल) का पुरस्कार जीता समारोह में। 2022 की ब्लॉकबस्टर की अगली कड़ी ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ अपनी भव्य कहानी के साथ गाथा को जारी रखती है।
  • दिग्गज कमल हासन द्वारा सुनाई गई और ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान द्वारा संगीतबद्ध इस फिल्म ने काफी प्रशंसा बटोरी है।

विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह, शीर्ष-10 की सूची_100.1

Recent Posts