भारत सरकार द्वारा डिजिटल शासन और सार्वजनिक सेवा की पहुंच को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आधार गुड गवर्नेंस पोर्टल लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य आधार प्रमाणीकरण अनुरोधों की अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाना और सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की विभिन्न सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच को आसान बनाना है। यह कदम सरकार की आधार को अधिक उपयोगकर्ता-मित्रतापूर्ण बनाने की दृष्टि के अनुरूप है, जिससे नागरिकों के लिए जीवन को सरल बनाने और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इस पोर्टल को श्री एस. कृष्णन, सचिव, MeitY द्वारा यूआईडीएआई और एनआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे:
यह ऑनलाइन पोर्टल http://swik.meity.gov.in पर उपलब्ध है और इसे आधार (लक्षित वितरण अधिनियम, 2016) के तहत आधार प्रमाणीकरण (गुड गवर्नेंस, सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) संशोधन नियम, 2025 की अधिसूचना के बाद लागू किया गया है। इस संशोधन का उद्देश्य पारदर्शिता, समावेशिता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में दक्षता को बढ़ावा देना है।
पिछले एक दशक में, आधार विश्वसनीय डिजिटल आईडी के रूप में उभरा है, जिसे एक अरब से अधिक भारतीयों ने 100 अरब से अधिक बार प्रमाणीकरण के लिए उपयोग किया है। इस नए संशोधन के तहत आधार प्रमाणीकरण का विस्तार नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाएगा और उन्हें नई सेवाओं तक बाधारहित पहुंच प्रदान करेगा।
संशोधन के तहत सरकारी और निजी संस्थानों को आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करने की अनुमति दी गई है ताकि सार्वजनिक हित की सेवाएं प्रभावी रूप से प्रदान की जा सकें। इन सेवाओं में शामिल हैं:
यह पहल सेवा प्रदाताओं और सेवा प्राप्तकर्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद होगी और सुरक्षित व विश्वसनीय डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगी।
इस संशोधन से नागरिक आधार नंबर के माध्यम से कई क्षेत्रों में सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे, जैसे:
इसके अतिरिक्त, आधार प्रमाणीकरण का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है:
इस पोर्टल को एक व्यापक डिजिटल संसाधन के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें आधार प्रमाणीकरण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएं शामिल हैं:
स्टेप-बाय-स्टेप प्रमाणीकरण गाइड – आधार प्रमाणीकरण के लिए आवेदन करने और सिस्टम पर ऑनबोर्डिंग की पूरी प्रक्रिया का विस्तृत एसओपी।
यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस – संस्थान आसानी से आवेदन जमा कर सकते हैं और अनुमोदनों की वास्तविक समय में ट्रैकिंग कर सकते हैं।
सूचना भंडार (रिसोर्स रिपॉजिटरी) – इसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज़, दिशानिर्देश और एफएक्यू शामिल हैं, जो संस्थाओं को आधार प्रमाणीकरण नियमों के अनुपालन में सहायता करेंगे।
फेस ऑथेंटिकेशन का एकीकरण – यह पोर्टल फेस ऑथेंटिकेशन को ग्राहक-समर्थित अनुप्रयोगों में एकीकृत करने का समर्थन करता है, जिससे कहीं भी, कभी भी प्रमाणीकरण संभव हो सकेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने नागरिकों को भागीदारीपूर्ण और पारदर्शी नीति निर्माण में शामिल करने के लिए सार्वजनिक परामर्श आमंत्रित किया था।
संशोधन प्रस्ताव अप्रैल-मई 2023 के दौरान मंत्रालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक टिप्पणी के लिए उपलब्ध कराए गए थे।
यह प्रक्रिया नीति निर्माण को अधिक समावेशी और नागरिक-केंद्रित बनाती है।
यह पहल आधार को एक शक्तिशाली डिजिटल गवर्नेंस टूल के रूप में सशक्त करेगी और सार्वजनिक सेवाओं की दक्षता में सुधार लाएगी।
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